राहुल गांधी लंबे समय से चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते रहे हैं। अब उन्होंने 5 अगस्त को बेंगलुरू में सबूत देने की बात कही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारतीय चुनाव आयोग (EC) की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची में सुनियोजित ढंग से गड़बड़ी की गई है। राहुल गांधी का आरोप है कि सत्ता पक्ष के इशारे पर चुनाव आयोग ने कई विपक्षी मतदाताओं के नाम हटाए या बदले हैं, जिससे निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया पर गंभीर संदेह खड़ा हो गया है।

‘लोकतंत्र पर हमला’ — राहुल गांधी का तीखा बयान
कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “आज हमारे लोकतंत्र की आत्मा पर हमला हो रहा है। चुनाव आयोग, जो देश के सबसे प्रतिष्ठित संवैधानिक संस्थानों में से एक है, अब सरकार की कठपुतली बनता जा रहा है। मतदाता सूची में छेड़छाड़ कर विपक्ष के समर्थन वाले क्षेत्रों में मतदाताओं को वोट देने से वंचित करने की साजिश की जा रही है।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के पास इस धांधली के कई सबूत हैं और वे इसे संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।
कई राज्यों में गड़बड़ी के आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में लाखों नाम मतदाता सूची से गायब कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि खासकर शहरी क्षेत्रों, अल्पसंख्यक बहुल इलाकों और युवा मतदाताओं के नामों को निशाना बनाया गया है।
“कांग्रेस पार्टी ने कई जिलों से जानकारी इकट्ठा की है, जहां लोगों को वोटर लिस्ट में अपना नाम नहीं मिल रहा, जबकि उन्होंने पहले ही वोटर ID बनवा रखा है,” राहुल गांधी ने कहा।
चुनाव आयोग ने किया खंडन
राहुल गांधी के आरोपों को चुनाव आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया है। आयोग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मतदाता सूची की संपूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के अनुसार होती है। “हर नागरिक को नाम जोड़ने, सुधार करने और हटाने की प्रक्रिया के बारे में पर्याप्त जानकारी दी जाती है। किसी भी तरह की गड़बड़ी के आरोप बेबुनियाद हैं,” चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया।
आयोग ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति को अपने नाम से संबंधित कोई समस्या है, तो वह संबंधित क्षेत्रीय निर्वाचन कार्यालय में शिकायत दर्ज कर सकता है।
राजनीतिक माहौल गर्माया
राहुल गांधी के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं की छवि खराब करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “कांग्रेस अपनी संभावित हार को देखकर पहले ही बहाने ढूंढने में लगी है। जब हार सामने दिखती है, तो ऐसे ही बेबुनियाद आरोप लगाए जाते हैं।”
वहीं आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने राहुल गांधी के आरोपों को गंभीर बताते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है।
कांग्रेस का अगला कदम
कांग्रेस पार्टी ने ऐलान किया है कि वह राज्य स्तर पर जिला निर्वाचन अधिकारियों के पास ज्ञापन सौंपेगी और चुनाव आयोग के खिलाफ व्यापक जन अभियान चलाएगी। साथ ही, वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी में है, जिसमें मतदाता सूची में हुए कथित बदलावों की स्वतंत्र जांच की मांग की जाएगी।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर संभव रास्ता अपनाएंगे। ये सिर्फ कांग्रेस का नहीं, बल्कि हर उस भारतीय का सवाल है, जो अपने मताधिकार का सम्मान करता है।”
निष्कर्ष
राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ये आरोप चुनावी माहौल को और गर्मा सकते हैं, खासकर तब जब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। एक ओर जहां चुनाव आयोग अपनी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे लोकतंत्र पर खतरा बता रहा है। अब देखना होगा कि ये मुद्दा केवल एक राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाता है या वास्तव में इससे जुड़ी जांच और न्यायिक हस्तक्षेप की ओर बात बढ़ती है।