स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाला एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना के बाद स्कूल के प्राचार्य को सस्पेंड कर दिया गया है।
गोरखपुर जनपद के एक सरकारी स्कूल में सोमवार को बड़ा हादसा हो गया। स्कूल की जर्जर छत से अचानक प्लास्टर का बड़ा हिस्सा गिर पड़ा, जिससे कक्षा में बैठा एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद पूरे स्कूल परिसर में हड़कंप मच गया और स्थानीय लोगों में शिक्षा विभाग की लापरवाही को लेकर भारी आक्रोश देखने को मिला।
घटना खोराबार ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बेलघाट की है। सुबह की पहली पाली में जब कक्षा चल रही थी, उसी दौरान अचानक छत से प्लास्टर का एक बड़ा टुकड़ा गिरा और सीधा एक छात्र के सिर पर जा गिरा। बच्चे के सिर में गहरी चोट आई है और उसे आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज गोरखपुर ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

हादसे की पूरी जानकारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हादसा सुबह करीब 9:45 बजे हुआ जब कक्षा 3 की हिंदी की कक्षा चल रही थी। करीब 25 छात्र कमरे में मौजूद थे। उसी समय छत से अचानक प्लास्टर का बड़ा टुकड़ा गिरा, जो 8 वर्षीय छात्र अर्जुन के सिर पर आ गिरा। बाकी छात्र बाल-बाल बच गए, लेकिन अर्जुन गंभीर रूप से घायल हो गया।

शिक्षकों और स्टाफ ने तुरंत एंबुलेंस को बुलाकर बच्चे को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार, छात्र को सिर में गहरी चोट आई है और उसकी हालत फिलहाल नाजुक बनी हुई है।
प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) मौके पर पहुंचे और स्कूल भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि स्कूल भवन काफी पुराना और जर्जर हालत में है, जिसकी मरम्मत को लेकर कई बार प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं मिली।
जिलाधिकारी विनय सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल स्कूल के प्राचार्य को निलंबित कर दिया है और शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। डीएम ने कहा कि किसी भी कीमत पर बच्चों की जान से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
लापरवाही पर उठे सवाल
स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि स्कूल की जर्जर हालत की जानकारी विभाग को लंबे समय से थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल की छत में जगह-जगह दरारें हैं और बारिश के दिनों में पानी टपकता है। कई बार आवेदन देने के बावजूद भवन की मरम्मत नहीं करवाई गई। हादसे के बाद अभिभावकों में डर का माहौल है और कई ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने से इनकार कर दिया है।
शिक्षा विभाग का बचाव
वहीं, शिक्षा विभाग ने अपनी सफाई में कहा है कि जिले में सैकड़ों पुराने स्कूल भवन हैं, जिनके नवीनीकरण के लिए बजट की आवश्यकता है। विभागीय अधिकारी ने बताया कि घटना दुखद है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अब ऐसे सभी पुराने स्कूल भवनों की जांच कराई जाएगी और जिन्हें खतरनाक पाया जाएगा, उन्हें तत्काल खाली कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर दुख प्रकट किया है। सीएम कार्यालय की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि “गोरखपुर के प्राथमिक विद्यालय में हुई घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। घायल छात्र के समुचित इलाज की व्यवस्था की गई है और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।”
निष्कर्ष
गोरखपुर की यह घटना प्रदेश के सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति और प्रशासनिक लापरवाही की एक गंभीर मिसाल बनकर सामने आई है। सवाल यह है कि आखिर कब तक बच्चों की जान खतरे में डालकर ऐसे स्कूलों को संचालित किया जाएगा? अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह हादसा शिक्षा व्यवस्था में जरूरी सुधार लाने के लिए चेतावनी बनेगा या फिर यह मामला भी अन्य हादसों की तरह भुला दिया जाएगा।
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