रिपोर्ट अनिल कुमार सैनी
लखनऊ मे लगातार दो दिनों से हो रही बारिश से जगह जगह पानी भर गया जिसको देखते हुए नगर आयुक्त गौरव कुमार ने खुद टीम को लेकर पहुंचे नगर निगम जोन 8 के सेक्टर एच, एलडीए कॉलोनी में जल निकासी की व्यवस्थाओं का जायजा नगर आयुक्त ने भरे हुए पानी को टीम की मदत से खाली कराया। वही अधिकारियों को निर्देश दिया की जहाँ भी पानी भरा हो तो तुरंत खाली कराया जाए जिससे आने जाने मे दिक्कत ना हो।

नगर आयुक्त का सड़कों पर उतरना बना मिसाल
बारिश में छाता या रेनकोट का उपयोग न करते हुए नगर आयुक्त खुले सिर बारिश में चलते रहे। उनके साथ नगर निगम के अधिकारी, सफाई निरीक्षक, जेई और संबंधित वार्डों के पार्षद भी मौजूद रहे। उन्होंने स्थानीय लोगों से भी बातचीत कर उनके अनुभवों और शिकायतों को सुना।
एक निवासी शैलेश गुप्ता ने बताया, “पहली बार देखा कि कोई अधिकारी खुद पानी में उतरकर हालात देख रहा है। इससे उम्मीद बढ़ी है कि प्रशासन अब और सक्रिय होगा।”
मौके पर दिए गए दिशा-निर्देश
निरीक्षण के दौरान गौरव कुमार ने कई स्थानों पर मशीनों की तैनाती बढ़ाने, नालियों की तत्काल सफाई और बंद पंपों की मरम्मत के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि जलभराव की स्थिति पर जल्द नियंत्रण पाया जाना चाहिए, अन्यथा लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, “हर वार्ड में ज़ोनल अधिकारी जिम्मेदारी तय करें। पानी निकासी की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
सफाई कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया
गौरव कुमार ने सफाईकर्मियों से मिलकर उनका उत्साहवर्धन भी किया। उन्होंने कहा, “आप लोग फ्रंटलाइन वॉरियर्स हैं, आपकी मेहनत से ही शहर स्वच्छ और सुरक्षित रह सकता है। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना है कि बारिश के दौरान बीमारियों का प्रसार न हो।”
निरीक्षण की तस्वीरें हुईं वायरल
नगर आयुक्त के निरीक्षण की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए, जिनमें वे घुटनों तक पानी में चलते और कर्मचारियों से संवाद करते दिखे। लोगों ने इस कार्यशैली की सराहना की और कई यूज़र्स ने लिखा:
- “ऐसे अधिकारी ही असली हीरो हैं।”
- “काम करने की नीयत हो तो रेनकोट की ज़रूरत नहीं।”
निष्कर्ष
नगर आयुक्त गौरव कुमार का यह कदम दिखाता है कि अगर प्रशासनिक अधिकारी ज़मीनी स्तर पर जाकर समस्याओं को समझें, तो समाधान भी शीघ्र संभव होता है। उनका यह निरीक्षण न सिर्फ आमजन को राहत देने की कोशिश थी, बल्कि एक सकारात्मक संदेश भी कि जनता के बीच जाकर, भीगते हुए भी, समस्याओं को महसूस करना ही सच्ची प्रशासनिक जिम्मेदारी है।
नगर निगम की सक्रियता और नागरिकों की भागीदारी से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में जलभराव और सफाई व्यवस्था में और भी बेहतर सुधार देखने को मिलेगा।
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