“मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल अवकाश पर, APC दीपक कुमार को मिला अतिरिक्त प्रभार”!

उत्तर प्रदेश शासन के प्रशासनिक ढांचे में एक अहम बदलाव सामने आया है। प्रदेश के मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल ने अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है। शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार उनके अवकाश की अवधि तक, अग्रिम आदेशों तक मुख्य सचिव सहित उनके सभी विभागों का अतिरिक्त प्रभार कृषि उत्पादन आयुक्त (APC) दीपक कुमार को सौंपा गया है। इस बदलाव से राज्य प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।

"मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल अवकाश पर, APC दीपक कुमार को मिला अतिरिक्त प्रभार"!
“मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल अवकाश पर, APC दीपक कुमार को मिला अतिरिक्त प्रभार”!

शशि प्रकाश गोयल की भूमिका

शशि प्रकाश गोयल एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और लंबे समय से प्रशासनिक अनुभव रखते हैं। मुख्य सचिव के रूप में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है। सरकार की नीतियों को धरातल पर उतारने और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बनाने में उन्होंने सक्रिय योगदान दिया है। उनके नेतृत्व में कई बड़े फैसलों को सफलतापूर्वक लागू किया गया।
हालांकि अब उनके अवकाश पर जाने से शासन ने तत्काल कार्य की निरंतरता बनाए रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर दी है।

दीपक कुमार को बड़ी जिम्मेदारी

दीपक कुमार को बड़ी जिम्मेदारी
दीपक कुमार को बड़ी जिम्मेदारी

कृषि उत्पादन आयुक्त (APC) दीपक कुमार एक अनुभवी अधिकारी हैं। उन्हें प्रशासनिक कार्यों की गहरी समझ के लिए जाना जाता है। शासन ने विश्वास जताते हुए उन्हें न केवल मुख्य सचिव का चार्ज सौंपा है बल्कि उनके सभी विभागों की जिम्मेदारी भी दी गई है। इसका अर्थ यह है कि फिलहाल दीपक कुमार पर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है—एक ओर वे अपने मूल पद पर कार्य करेंगे और दूसरी ओर मुख्य सचिव के सभी कार्यों का निर्वहन भी करेंगे।
प्रशासनिक जानकारों का मानना है कि यह कदम शासन की तात्कालिक जरूरत को पूरा करने के लिए उठाया गया है, ताकि विभागीय कामकाज में किसी भी तरह की रुकावट न आए।

प्रशासनिक दृष्टि से बड़ा कदम

मुख्य सचिव का पद किसी भी राज्य में प्रशासनिक तंत्र का सर्वोच्च पद होता है। यह न केवल मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के बीच समन्वय स्थापित करता है बल्कि शासन के सभी विभागों पर निगरानी भी रखता है। ऐसे में मुख्य सचिव का अवकाश पर जाना और नए प्रभारी की नियुक्ति प्रशासनिक दृष्टि से बड़ा कदम माना जा रहा है।
हालांकि यह जिम्मेदारी स्थायी नहीं है बल्कि अग्रिम आदेशों तक सीमित है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आगे चलकर शासन स्थिति की समीक्षा कर स्थायी व्यवस्था भी कर सकता है।

विभागीय कार्यों की निरंतरता पर फोकस

प्रदेश सरकार की कई योजनाएं इस समय धरातल पर लागू हो रही हैं। खासकर निवेश, बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यक्रम तेजी से चल रहे हैं। ऐसे में विभागीय कार्यों की निरंतरता बनाए रखना जरूरी है। शासन का मानना है कि दीपक कुमार जैसे वरिष्ठ अधिकारी पर यह जिम्मेदारी देने से योजनाओं की गति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल

मुख्य सचिव का चार्ज बदलना हमेशा ही राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बनता है। इस बार भी अधिकारियों के बीच तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ लोग इसे एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया मानते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर फेरबदल भी देखने को मिल सकता है।
हालांकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यह केवल अस्थायी व्यवस्था है और आगे की कार्रवाई के लिए आदेश अलग से जारी होंगे।

निष्कर्ष

मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल के अवकाश पर जाने के बाद प्रदेश प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अब दीपक कुमार पर आ गई है। उन्हें फिलहाल दोहरी भूमिका निभानी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि शासन की नीतियों के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की बाधा न आए। प्रशासनिक जगत की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि यह व्यवस्था कितने समय तक चलेगी और आगे क्या स्थायी निर्णय लिया जाएगा।

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