अनुराग ठाकुर के बयान पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोग कह रहे हैं कि सबसे पहले हमारे भगवान हनुमान जी अंतरिक्ष गए थे। हम तो कहते हैं कि सारे भगवान अंतरिक्ष में ही रह रहे हैं।
भारतीय राजनीति में नेताओं के बीच बयानबाज़ी और तीखे तंज़ आम बात है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान पर चुटकी ली। अखिलेश ने कहा, “हमारे तो सारे भगवान अंतरिक्ष में रहते हैं।” यह टिप्पणी न केवल उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर कटाक्ष मानी जा रही है बल्कि इसे जनता के बीच अलग तरीके से भी लिया जा रहा है।

हनुमान जी पहले अंतरिक्ष यात्री- अनुराग ठाकुर
हमीरपुर से पांच बार के बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने राष्ट्रीथ अंतरिक्ष दिवस (National Space Day) के अवसर पर ऊना के एक पीएम श्री स्कूल में छात्रों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। अनुराग ठाकुर ने एक्स पर इस बातचीत का एक वीडियो शेयर किया, जिसका टाइटल था- पवनसुत हनुमान जी… पहले अंतरिक्ष यात्री।
अनुराग ठाकुर ने छात्रों से पूछा, “अंतरिक्ष में यात्रा करने वाला पहला कौन था?” छात्रों के जवाब अलग-अलग सुनाई नहीं दे रहे थे। मुस्कुराते हुए अनुराग ठाकुर ने अपना जवाब दिया, “मुझे तो लगता है हनुमान जी थे।” पांच बार सांसद रहे अनुराग ठाकुर ने कहा, “हम अभी भी खुद को वर्तमान में देखते हैं। जब तक हम अपनी हज़ारों साल पुरानी परंपरा, ज्ञान और संस्कृति को नहीं जानेंगे, हम वैसे ही रहेंगे जैसे अंग्रेजों ने हमें दिखाए हैं।”
इसी बयान पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने व्यंग्यात्मक अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की सोच ज़मीन से जुड़ी नहीं है और उनकी राजनीति केवल धर्म और भावनाओं के सहारे चलती है। अखिलेश ने जोड़ा कि “हमारे तो सारे भगवान अंतरिक्ष में रहते हैं, भाजपा को ज़मीन पर काम करना चाहिए।”
अखिलेश का व्यंग्य
अखिलेश यादव के इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। उनका मकसद साफ तौर पर भाजपा की धार्मिक राजनीति पर तंज़ कसना था। अखिलेश लंबे समय से भाजपा पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि वह जनता के असली मुद्दों से ध्यान हटाकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम करती है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा नेताओं को यह समझना चाहिए कि जनता को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा चाहिए, न कि केवल नारों और भावनात्मक भाषणों से भरी राजनीति। उन्होंने कहा, “देश को आगे ले जाने के लिए विज्ञान और तकनीक पर ध्यान देना होगा। जब हम कहते हैं कि हमारे भगवान अंतरिक्ष में रहते हैं, तो उसका मतलब है कि हमें तारों, ग्रहों और अंतरिक्ष विज्ञान की ओर देखना चाहिए, वहीं से देश का भविष्य निकलेगा।”
भाजपा का पलटवार
अखिलेश के बयान पर भाजपा नेताओं ने भी पलटवार किया। भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि अखिलेश यादव हमेशा ही भाजपा और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को कमतर आंकने का प्रयास करते हैं। भाजपा ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं—चाहे चंद्रयान-3 की सफलता हो या गगनयान मिशन की तैयारी। ऐसे में अखिलेश यादव का बयान उनकी हताशा को दर्शाता है।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव के इस बयान ने तेजी से जगह बना ली। कई लोग उनके व्यंग्यात्मक अंदाज से प्रभावित दिखे, तो कुछ ने इसे राजनीतिक बचकानापन भी करार दिया। ट्विटर और फेसबुक पर इस बयान के मीम्स भी खूब वायरल हुए। समर्थकों का कहना है कि अखिलेश का यह तंज़ भाजपा की धार्मिक राजनीति पर करारा जवाब है, वहीं आलोचकों का कहना है कि यह मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश है।
राजनीति में बयानबाज़ी की परंपरा
भारतीय राजनीति में नेताओं के बीच शब्दों के तीर चलाना कोई नई बात नहीं है। कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों पर निशाना साधते हैं, तो कभी राहुल गांधी या अखिलेश यादव जैसे नेता भाजपा पर तंज़ कसते हैं। चुनावी मौसम में इस तरह के बयानों की बाढ़ आना आम हो जाता है। ऐसे बयानों का असर सीधे तौर पर जनता के मूड पर पड़ता है, और यही वजह है कि नेता अक्सर चुटीले अंदाज में एक-दूसरे पर हमला बोलते हैं।
निष्कर्ष
अखिलेश यादव का यह बयान, “हमारे तो सारे भगवान अंतरिक्ष में रहते हैं”, राजनीति में एक नया रंग भरने जैसा है। उन्होंने व्यंग्य के जरिए भाजपा की नीतियों और उनकी धार्मिक राजनीति पर सवाल खड़े किए। अब देखना यह होगा कि इस बयान का कितना असर जनता और आगामी चुनावों पर पड़ता है। फिलहाल इतना तो साफ है कि भारतीय राजनीति में बयानबाज़ी का स्तर लगातार तीखा और दिलचस्प होता जा रहा है।