यूपी के फर्रुखाबाद जिले के चर्चित माफिया अनुपम दुबे को PWD ठेकेदार शमीम की हत्या के मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अनपुम को मथुरा जेल से फतेहगढ़ न्यायालय लाया गया था।
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले से बड़ी खबर सामने आई है। यहां के चर्चित माफिया अनुपम दुबे को अदालत ने PWD ठेकेदार शमीम की हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला उस समय आया जब अनुपम दुबे को मथुरा जेल से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच फतेहगढ़ न्यायालय लाया गया। अदालत का यह फैसला जिले में लंबे समय से चल रहे चर्चित हत्याकांड पर न्याय की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

हत्या का मामला
मामला कई साल पुराना है, जब फर्रुखाबाद में PWD के ठेकेदार शमीम की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि शमीम ने जिले में कई सरकारी ठेके लिए थे और क्षेत्र में उनकी एक अलग पहचान थी। लेकिन उनके कामकाज और प्रभाव को लेकर आपराधिक जगत के लोगों से टकराव भी था। इसी रंजिश में शमीम की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड ने उस समय पूरे फर्रुखाबाद जिले में सनसनी फैला दी थी और जनता में गहरा आक्रोश पैदा हो गया था।
जांच में पुलिस ने इस हत्या का मुख्य आरोपी माफिया अनुपम दुबे को माना था। उस पर आरोप था कि उसने आपराधिक गठजोड़ और ठेकों पर दबदबा बनाए रखने के लिए शमीम की हत्या की साजिश रची।
अदालत की कार्यवाही
मामले की सुनवाई लंबे समय तक चली। अभियोजन पक्ष ने अदालत के सामने गवाहों और सबूतों के आधार पर यह साबित किया कि हत्या की साजिश अनुपम दुबे ने रची थी और उसी के इशारे पर शमीम की हत्या को अंजाम दिया गया। अदालत ने गवाहों के बयानों और घटनास्थल से मिले सबूतों पर विचार करते हुए अनुपम दुबे को दोषी पाया।

फतेहगढ़ न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसे अपराध समाज के लिए गहरा संदेश छोड़ते हैं और कानून व्यवस्था को चुनौती देते हैं। इसलिए आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अदालत ने अनुपम दुबे को उम्रकैद की सजा सुनाई और साथ ही आर्थिक दंड भी लगाया।
पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया
PWD ठेकेदार शमीम के परिवार ने अदालत के फैसले पर संतोष जताया। परिवार का कहना है कि भले ही देर से सही लेकिन उन्हें न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि अब उम्मीद है कि शमीम की आत्मा को शांति मिलेगी और समाज में यह संदेश जाएगा कि अपराधी चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
फैसले के दिन अदालत परिसर और शहर में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रही। अनुपम दुबे को मथुरा जेल से लाकर फतेहगढ़ न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर कोर्ट के बाहर भारी संख्या में फोर्स तैनात किया था। किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए एंटी-रायट और विशेष पुलिस बल भी मुस्तैद रहे।
राजनीतिक और सामाजिक असर
फर्रुखाबाद जैसे छोटे जिले में इस फैसले को लेकर चर्चा तेज हो गई है। लंबे समय से लोग इस हत्याकांड पर न्याय की राह देख रहे थे। माफिया अनुपम दुबे का नाम जिले और आसपास के इलाकों में खौफ का पर्याय बन गया था। ठेकेदारी और अपराध की दुनिया में उसका दबदबा माना जाता था। अदालत का यह फैसला न केवल कानून व्यवस्था की जीत है बल्कि आम लोगों के लिए यह विश्वास भी जगाता है कि न्यायपालिका निष्पक्ष है।
निष्कर्ष
फर्रुखाबाद के चर्चित PWD ठेकेदार शमीम हत्याकांड में माफिया अनुपम दुबे को उम्रकैद की सजा सुनाकर अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। इस फैसले से एक ओर जहां पीड़ित परिवार को न्याय मिला है, वहीं दूसरी ओर यह संदेश भी गया है कि अपराध और दबदबे की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलती। कानून का शिकंजा देर-सबेर कस ही जाता है।
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