“सपा-भाजपा की जुबानी जंग तेज, संभल रिपोर्ट पर अखिलेश का पलटवार”

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुए दंगे के बाद न्यायिक आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से ही सपा और भाजपा दोनों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति इन दिनों संभल दंगा रिपोर्ट को लेकर गरमा गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए सपा और कांग्रेस पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि उनके शासनकाल में हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जाता था। योगी के इस बयान के बाद अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पलटवार किया है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार सच्चाई से जनता का ध्यान भटकाने के लिए पुराने मुद्दों को हवा दे रही है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार जनता की समस्याओं पर बात करने से बच रही है। उन्होंने कहा, “जब-जब सरकार अपनी नाकामी छुपाना चाहती है, तब-तब वह पुराने मामलों को उठाकर भावनाओं को भड़काने का काम करती है। संभल रिपोर्ट को लेकर जिस तरह से मुख्यमंत्री बयानबाजी कर रहे हैं, वह जनता को गुमराह करने की कोशिश है।”

"सपा-भाजपा की जुबानी जंग तेज, संभल रिपोर्ट पर अखिलेश का पलटवार"
“सपा-भाजपा की जुबानी जंग तेज, संभल रिपोर्ट पर अखिलेश का पलटवार”

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के राज में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को सत्ता का संरक्षण मिल रहा है और आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। “आज प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, किसानों को समय पर भुगतान नहीं मिल रहा और बेरोजगारी चरम पर है। इन मुद्दों पर बोलने के बजाय भाजपा सरकार झूठे आरोप लगाकर सपा को बदनाम करने की कोशिश कर रही है,” अखिलेश यादव ने कहा।

संभल रिपोर्ट को लेकर जारी इस बयानबाजी ने सपा और भाजपा के बीच राजनीतिक जुबानी जंग को और तेज कर दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि सपा सरकार के दौरान तुष्टिकरण की राजनीति हुई थी, जिसके कारण प्रदेश में दंगे और अराजकता फैली। वहीं, सपा का तर्क है कि भाजपा जानबूझकर सांप्रदायिक मुद्दों को उभार रही है ताकि जनता का ध्यान महंगाई और बेरोजगारी जैसे असली सवालों से हटाया जा सके।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संभल रिपोर्ट ने आगामी चुनावों से पहले माहौल को और गरमा दिया है। भाजपा इसे विपक्ष पर हमले के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है, वहीं सपा इसे जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की चाल बता रही है। दोनों ही पार्टियां अपने-अपने तरीके से इस रिपोर्ट का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही हैं।

अखिलेश यादव ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि उसकी सरकार केवल बयानबाजी और धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को वाकई प्रदेश की चिंता है तो उसे किसानों के बकाए गन्ने का भुगतान, युवाओं को रोजगार और महिलाओं की सुरक्षा पर ठोस काम करना चाहिए। “भाजपा सरकार सिर्फ झूठे वादे करती है और रिपोर्टों के नाम पर जनता को बरगलाती है,” अखिलेश ने कहा।

इस पूरे विवाद ने प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सत्ता और विपक्ष के बीच तल्खी बढ़ा दी है। जहां भाजपा लगातार सपा के शासनकाल की विफलताओं को सामने लाने की कोशिश कर रही है, वहीं सपा भाजपा की वर्तमान नीतियों और प्रशासनिक नाकामियों को उजागर करने में जुटी है।

संभल रिपोर्ट को लेकर शुरू हुई यह बयानबाजी आगे और भी राजनीतिक रंग ले सकती है। चुनावी मौसम नजदीक आते ही यह मुद्दा सियासी बहस का केंद्र बन सकता है। फिलहाल इतना तय है कि भाजपा और सपा के बीच यह जुबानी जंग रुकने वाली नहीं है और इसका असर प्रदेश की राजनीति पर गहराई से देखने को मिलेगा।

गुलाब देवी ने उठाया सवाल

गुलाब देवी ने उठाया सवाल
गुलाब देवी ने उठाया सवाल

वहीं प्रदेश की माध्‍यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने सवाल उठाया कि संभल में हिंदू आबादी कम कैसे हो गयी? सपा प्रमुख यादव ने ”एक्‍स’ पर एक लंबे पोस्ट में कहा कि ”प्रदेश में भाजपाइयों और उनके साथियों द्वारा ‘पलायन का प्रोपेगंडा’ फैलाना दरअसल नौ साल पुरानी भाजपा सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है।” यादव ने कहा, ”मानसिक स्तर पर इसका मतलब यह हुआ कि भाजपा सरकार लोगों में विश्वास नहीं जगा पायी। सामाजिक स्तर पर इसका मतलब यह हुआ कि भाजपा सरकार अपनी नफ़रत की साम्प्रदायिक राजनीति की वजह से समाज में सौहार्द नहीं ला पायी। आर्थिक स्तर पर इसका मतलब यह हुआ कि भाजपा सरकार लोगों को रोजगार नहीं दे पायी।

सपा प्रमुख ने कही ये बात

सपा प्रमुख ने कहा ”सच तो यह है पलायन संबंधी झूठ फैलाने वाले न तो प्रदेश के हितैषी हैं और न ही प्रदेशवासियों के। भाजपा द्वारा ऐसे मिथ्या प्रचार से राज्य की छवि को गहरी ठेस पहुंचती है और निवेशक नहीं आते हैं।” उत्तर प्रदेश की माध्‍यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने संभल में कथित जनसांख्यिकीय बदलाव के कारणों पर सवाल उठाए। उन्होंने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में सवाल उठाया, “जांच के आधार पर हिंदू आबादी 45 प्रतिशत थी और अब 15 प्रतिशत है तो 30 फीसदी हिंदू कहां गए? क्या वे पलायन कर गए? क्या उन्होंने धर्म परिवर्तन किया? या उन्हें मार दिया गया?’’

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