बीजेपी विधायक केतकी सिंह के सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के खिलाफ दिए बयान से बवाल हो गया है, जिसके बाद सपा कार्यकर्ता केतकी के घर के बाहर प्रदर्शन करने के लिए पहुंच गए। केतकी घर पर नहीं थीं लेकिन उनकी 16 साल की बेटी घर पर अकेली थी। इस बेटी ने वीडियो के जरिए सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है।
उत्तर प्रदेश की सियासत इस समय गरमाई हुई है। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच आए दिन आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इस बीच एक नया मोड़ तब आया जब बीजेपी विधायक केतकी सिंह की 16 वर्षीय बेटी ने सपा कार्यकर्ताओं पर गुस्सा जताते हुए खुला बयान दिया। उन्होंने साफ कहा कि न तो वह डरेंगी और न ही उनकी मां किसी दबाव में आएंगी। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

क्या है मामला
मामला उस समय सामने आया जब सपा कार्यकर्ताओं और बीजेपी समर्थकों के बीच टकराव की स्थिति बनी। बताया जा रहा है कि विधायक के परिवार को विपक्ष की ओर से लगातार दबाव और धमकियों का सामना करना पड़ रहा था। इसी पृष्ठभूमि में विधायक की बेटी ने सामने आकर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को कड़ी चेतावनी दी।
बेटी का बेबाक बयान
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में 16 साल की इस बेटी को यह कहते हुए सुना जा सकता है:
“सपा के लोग अगर सोचते हैं कि हम डर जाएंगे तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल है। ना मैं डरूंगी और ना मेरी मां डरेंगी। हम हर हाल में सच्चाई और ईमानदारी के साथ खड़े रहेंगे।”
बेटी के इस बयान ने न सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया बल्कि विपक्ष को भी कठघरे में खड़ा कर दिया।
बीजेपी कार्यकर्ताओं का समर्थन
विधायक की बेटी के बयान के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके साहस की सराहना की। पार्टी के नेताओं का कहना है कि इतनी छोटी उम्र में इस तरह का साहस दिखाना काबिले-तारीफ है। उन्होंने कहा कि विपक्ष चाहे जितनी भी साजिश कर ले, बीजेपी कार्यकर्ता और उनके परिवार किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेंगे।
सपा का पलटवार
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने इस घटना पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि बीजेपी मुद्दों से भटकाने के लिए परिवार की आड़ ले रही है। सपा नेताओं का कहना है कि बीजेपी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए महिलाओं और बच्चों को राजनीति में घसीट रही है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
यह पूरा मामला सोशल मीडिया पर भी जमकर चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां एक तरफ बीजेपी समर्थक इस बयान को “वीरांगना जैसी हिम्मत” बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी समर्थक इसे “राजनीतिक नाटक” करार दे रहे हैं। ट्विटर (X) और फेसबुक पर इस बयान से जुड़े वीडियो और पोस्ट तेजी से शेयर किए जा रहे हैं।
राजनीतिक माहौल में गरमी
इस घटना ने पहले से ही गरमाई यूपी की राजनीति को और भी गर्म कर दिया है। पंचायत चुनाव और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच दोनों दलों के बीच इस तरह की नोकझोंक माहौल को और तूल दे रही है। बीजेपी इस बयान को अपनी ताकत और साहस का प्रतीक बताकर जनता तक पहुंचाना चाहती है, वहीं सपा इसे भावनात्मक राजनीति करार दे रही है।
महिला सशक्तिकरण से जोड़ा जा रहा मुद्दा
बीजेपी नेताओं का कहना है कि विधायक की बेटी का यह बयान महिलाओं के आत्मविश्वास और सशक्तिकरण का प्रतीक है। उन्होंने दावा किया कि यह घटना दिखाती है कि आज की बेटियां किसी भी परिस्थिति का डटकर मुकाबला कर सकती हैं। वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि वास्तविक सशक्तिकरण तभी होगा जब सरकार जमीन पर महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के लिए काम करेगी।
जनता की प्रतिक्रिया
आम जनता भी इस मामले पर बंटी हुई नजर आ रही है। कुछ लोग बेटी के साहसिक बयान की सराहना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इतनी कम उम्र में इतना आत्मविश्वास काबिले-गौर है। वहीं, कुछ लोग यह सवाल भी उठा रहे हैं कि क्या परिवार के नाबालिग सदस्यों को इस तरह राजनीति में खींचना सही है।
निष्कर्ष
बीजेपी विधायक की 16 साल की बेटी का यह बयान भले ही एक व्यक्तिगत भावनात्मक प्रतिक्रिया हो, लेकिन इसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यूपी में सपा और बीजेपी के बीच चल रही सियासी जंग अब परिवार तक पहुंच गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस बयान का राजनीतिक समीकरणों पर क्या असर पड़ता है।