उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यूपी सरकार ने हाल ही में 60 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की। गोरखपुर से भी काफी संख्या में युवाओं की भर्ती की गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रदेश के युवाओं के रोजगार को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में सरकारी नौकरियों की मानो “बाढ़” आ गई है और लाखों युवाओं को सरकारी सेवाओं में अवसर प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देकर 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया है।

सरकारी नौकरियों पर जोर
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रणाली लागू की गई है। अब भर्ती परीक्षाओं में नकल या भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं बची है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश की योगी सरकार ने बीते सात वर्षों में लाखों रिक्त पदों को भरा है और आने वाले समय में भी भर्ती प्रक्रिया तेज़ी से जारी रहेगी।
सीएम योगी ने कहा, “हमारा प्रयास है कि हर युवा को उसकी योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाए। सरकार युवाओं को केवल सरकारी नौकरियों पर निर्भर नहीं रहने देना चाहती, बल्कि निजी क्षेत्र और स्वरोजगार के अवसर भी लगातार बढ़ा रही है।”
60,000 से अधिक सिपाहियों की भर्ती
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 2,251 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने हाल ही में हुई 60,000 से अधिक सिपाहियों की भर्ती, मुख्य सेविकाओं की नियुक्ति और निकट भविष्य में होने वाली अन्य भर्तियों का जिक्र किया।
निजी क्षेत्र में निवेश से रोजगार

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में निवेश का अनुकूल माहौल बनाया गया है। कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने और आधारभूत ढांचे के विकास के चलते उत्तर प्रदेश में देशी-विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे आयोजनों और उद्योग नीति में सुधारों की वजह से प्रदेश में हजारों करोड़ रुपये का निवेश आया है। इसके जरिए 60 लाख से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में यह संख्या और भी अधिक होगी।
पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर
सरकारी नौकरियों को लेकर उन्होंने दोहराया कि भर्ती की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी बनाई गई है। पहले की सरकारों पर आरोप लगता था कि नौकरियां बिचौलियों और भ्रष्टाचार के जरिए मिलती थीं, लेकिन अब मेरिट और पारदर्शिता ही चयन का आधार है।
सीएम योगी ने कहा कि परीक्षाओं को निष्पक्ष बनाने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। ऑनलाइन सिस्टम, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और डिजिटल मूल्यांकन जैसी तकनीकों ने युवाओं का भरोसा बहाल किया है।
स्वरोजगार और स्टार्टअप को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार केवल सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार और स्टार्टअप्स के जरिए आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ODOP) योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और स्टार्टअप नीतियों के जरिए लाखों युवाओं ने रोजगार सृजित किए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वरोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं। किसान, कारीगर और छोटे उद्यमी अब तकनीक और वित्तीय सहायता के सहारे बड़े बाजारों से जुड़ पा रहे हैं।
विपक्ष पर कटाक्ष
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें केवल नौकरियों में घोटाले करती थीं, जबकि आज की सरकार ने पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया से लाखों युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया है। उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे केवल युवाओं को गुमराह करने का काम करते हैं, जबकि वर्तमान सरकार युवाओं को रोजगार देकर उनकी ज़िंदगी बदल रही है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दावा कि उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों की “बाढ़” आई है और निजी निवेश के जरिए लाखों युवाओं को रोजगार मिला है, प्रदेश की राजनीति और विकास की दिशा दोनों के लिहाज से अहम है। योगी सरकार का जोर केवल सरकारी नौकरी देने पर नहीं, बल्कि व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन और निवेश को आकर्षित करने पर भी है। अब यह देखने वाली बात होगी कि आने वाले वर्षों में यह दावे किस हद तक ज़मीनी हकीकत में बदलते हैं और युवाओं को किस पैमाने पर लाभ मिलता है।
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