मुरादाबाद में कुत्तों का आतंक: बच्चों पर झुंड बनाकर कर रहे हमले, आधा दर्जन लोग घायल

कुत्तों के हमलों से ग्रामीणों में दशहत है। गांव के कई बच्चों को कुत्तों के झुंड ने नोंच खाया है। एक बच्ची का आईसीयू में इलाज चल रहा है। ग्रामीणों की शिकायत ऊपर के अधिकारी नहीं सुन रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में इन दिनों कुत्तों का आतंक लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है। जिले के कुंदरकी ब्लॉक के गांव असदपुर में हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि लोग अपने बच्चों को घर से बाहर खेलने तक नहीं भेज पा रहे। झुंड में चलने वाले ये आवारा कुत्ते अब तक आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को घायल कर चुके हैं। सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को है, क्योंकि कुत्तों का झुंड अक्सर उन्हें अपना शिकार बनाता है।

मुरादाबाद में कुत्तों का आतंक: बच्चों पर झुंड बनाकर कर रहे हमले, आधा दर्जन लोग घायल
मुरादाबाद में कुत्तों का आतंक: बच्चों पर झुंड बनाकर कर रहे हमले, आधा दर्जन लोग घायल

बच्ची पर हुआ दर्दनाक हमला

बच्ची पर हुआ दर्दनाक हमला
बच्ची पर हुआ दर्दनाक हमला

हाल ही में गांव में एक 5 साल की मासूम बच्ची पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। बच्ची घर के पास खेल रही थी, तभी झुंड ने उसे घेर लिया और खींचकर दूर ले गए। जब तक ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बच्ची को छुड़ाया, तब तक वह बुरी तरह से लहूलुहान हो चुकी थी। घायल बच्ची को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है। इस घटना ने पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

लोगों में डर का माहौल

ग्रामीणों का कहना है कि ये कुत्ते गली-मोहल्लों, स्कूलों और खेल के मैदानों के पास झुंड में घूमते रहते हैं। जैसे ही कोई बच्चा या अकेला व्यक्ति उनके सामने आता है, वे अचानक हमला कर देते हैं। कुछ मामलों में तो कुत्ते लोगों को घसीटकर दूर ले गए और गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस वजह से गांव के लोग बच्चों को स्कूल भेजने में भी डरने लगे हैं।

प्रशासन से मदद की गुहार

ग्रामीणों ने कई बार पंचायत और स्थानीय प्रशासन से इस समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि आवारा कुत्तों को पकड़ने की कोई ठोस व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। नगर निगम और पशु चिकित्सकों की टीम भी अभी तक गांव नहीं पहुंची। गांववालों का आरोप है कि अधिकारियों ने केवल आश्वासन दिया, लेकिन व्यवहारिक कदम नहीं उठाए गए

स्वास्थ्य के लिए भी खतरा

इन घटनाओं के बाद से गांव के लोग डरे हुए हैं कि कुत्तों के काटने से रेबीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि कुत्तों द्वारा घायल किए गए कई लोग अब तक इंजेक्शन लगवा चुके हैं। खासकर बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

स्कूलों में घटती उपस्थिति

गांव के स्कूल शिक्षक भी इस समस्या को लेकर परेशान हैं। उनका कहना है कि कई बच्चे अब स्कूल आने से कतराने लगे हैं, क्योंकि रास्ते में कुत्तों के झुंड खड़े रहते हैं। माता-पिता भी बच्चों को भेजने से डरते हैं। इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर साफ दिखाई देने लगा है।

ग्रामीणों की मांग

गांववालों की सबसे बड़ी मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द गांव में विशेष अभियान चलाकर आवारा कुत्तों को पकड़वाए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजे। साथ ही, घायल लोगों के लिए चिकित्सा सुविधाएं और दवाइयां आसानी से उपलब्ध कराई जाएं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

मामले की गंभीरता को देखते हुए ब्लॉक और जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही टीम गांव में भेजी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि पशु विभाग की टीम कुत्तों को पकड़ने का अभियान चलाएगी और गांव में सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई जाएगी।

निष्कर्ष

गांव असदपुर में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि लोग घर से बाहर निकलने से डरने लगे हैं। छोटे बच्चों पर हो रहे हमले ने हालात को और भयावह बना दिया है। अगर जल्द ही प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। ग्रामीणों को फिलहाल इंतजार है कि कब सरकार और प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाए।

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