“Baaghi 4 Review: टाइगर का दमदार एक्शन भी नहीं बचा सड़ी-गली कहानी”

बागी 4 फिल्म रिव्यू: एक और बागी वापसी हो गई है, लेकिन इस बार भारी दिखावटीपन के साथ ये फिल्म लौटी है। इस फिल्म से खासी उम्मीदें थी, लेकिन इस बार भी निराशा ही हाथ लग रही है, जानें आखिर फिल्म देखने लायक है या नहीं।

बॉलीवुड के एक्शन हीरो टाइगर श्रॉफ एक बार फिर बड़े पर्दे पर अपनी नई फिल्म बागी 4 के साथ लौटे हैं। इस फ्रेंचाइज़ी की पिछली फिल्मों ने दर्शकों को खासा मनोरंजन दिया था, लेकिन इस बार मामला कुछ अलग ही है। फिल्म में एक्शन का स्तर जरूर ऊंचा है, परंतु कहानी की कमजोर बुनावट और बेवजह के सीक्वेंस दर्शकों को बांधने में नाकाम रहते हैं। कुल मिलाकर, फिल्म एक बार फिर साबित करती है कि केवल एक्शन से ही बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाना आसान नहीं है।

"Baaghi 4 Review: टाइगर का दमदार एक्शन भी नहीं बचा सड़ी-गली कहानी"
“Baaghi 4 Review: टाइगर का दमदार एक्शन भी नहीं बचा सड़ी-गली कहानी”

दमदार एक्शन, लेकिन खालीपन से भरी स्क्रिप्ट

फिल्म की शुरुआत से ही टाइगर श्रॉफ का स्टाइल और एक्शन दर्शकों को आकर्षित करता है। मार्शल आर्ट्स और हाई-ऑक्टेन स्टंट्स देखकर लगता है कि टाइगर ने फिर से अपने शरीर और मेहनत पर पूरा ध्यान दिया है। कई एक्शन सीन ऐसे हैं जो वाकई तालियों के काबिल हैं। कार चेज़, हेलिकॉप्टर सीक्वेंस और हैंड-टु-हैंड फाइट्स फिल्म की ताकत बनते हैं।
लेकिन जहां तक कहानी की बात है, वहीं फिल्म पूरी तरह धराशायी हो जाती है। कहानी में ना तो कोई भावनात्मक जुड़ाव है और ना ही कोई ठोस प्लॉट। स्क्रिप्ट ऐसी लगती है जैसे उसे जल्दबाजी में जोड़ा गया हो और सिर्फ एक्शन सीक्वेंस को फिट करने के लिए लिखा गया हो।

दमदार एक्शन, लेकिन खालीपन से भरी स्क्रिप्ट
दमदार एक्शन, लेकिन खालीपन से भरी स्क्रिप्ट

टाइगर श्रॉफ की परफॉर्मेंस

टाइगर श्रॉफ का एक्शन टैलेंट किसी परिचय का मोहताज नहीं है। बागी 4 में भी उन्होंने अपने शरीर को हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। उनकी फिटनेस, लचीलापन और स्टंट्स की डिटेलिंग शानदार है। लेकिन जहां अभिनय की बात आती है, वहां टाइगर अभी भी पिछड़ते नजर आते हैं। इमोशनल सीन या रोमांटिक सीक्वेंस में वह दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाते। यह कमी फिल्म को और ज्यादा खोखला बना देती है।

हीरोइन और सपोर्टिंग कास्ट

फिल्म की हीरोइन (नाम बदल सकता है) ग्लैमर और डांस में अच्छी लगती हैं, लेकिन कहानी में उन्हें ज्यादा करने का मौका नहीं मिला। उनका किरदार केवल गानों और कुछ रोमांटिक पलों तक ही सीमित रह गया है।
सपोर्टिंग कास्ट की बात करें तो विलेन का किरदार बहुत ही कमजोर लिखा गया है। एक्शन फिल्मों में जहां खलनायक की दमदार मौजूदगी कहानी को मजबूती देती है, वहीं यहां विलेन बिल्कुल फीका पड़ जाता है।

म्यूजिक और टेक्निकल पहलू

फिल्म के गाने औसत दर्जे के हैं। एक-दो आइटम सॉन्ग और रोमांटिक ट्रैक तो हैं, लेकिन वे कहानी में रुकावट पैदा करते हैं। बैकग्राउंड स्कोर तेज और ऊंचा है, जो एक्शन सीन्स को सपोर्ट करता है, लेकिन जबरदस्ती का शोर कई बार सिरदर्द बन जाता है।
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी अच्छी है। एक्शन सीन्स को बड़े पैमाने पर फिल्माया गया है। लोकेशंस आकर्षक हैं, खासकर विदेशी सेटिंग्स। एडिटिंग थोड़ी और सख्त होती तो फिल्म की लंबाई कम होती और असरदार लगती।

निर्देशक की नाकामी

फिल्म का सबसे बड़ा दोष निर्देशन में नजर आता है। निर्देशक ने पूरी तरह से एक्शन पर फोकस किया और कहानी को नजरअंदाज कर दिया। यही कारण है कि फिल्म केवल विजुअल शोपीस बनकर रह गई है। दर्शक हॉल से निकलते समय सिर्फ यही सोचते हैं कि इतना एक्शन देखकर भी वे क्यों कनेक्ट नहीं कर पाए।

दर्शकों की प्रतिक्रिया

पहले दिन के दर्शकों ने फिल्म को मिले-जुले रिएक्शन दिए। एक्शन के दीवाने टाइगर के स्टंट्स की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन आम दर्शक कहानी की कमजोरी और बेतुकी स्क्रिप्ट की वजह से निराश हुए। सोशल मीडिया पर भी लोग यही लिख रहे हैं कि टाइगर ने खुद ही अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारी है।

निष्कर्ष

बागी 4 उन दर्शकों के लिए है जो सिर्फ और सिर्फ टाइगर श्रॉफ का एक्शन देखने जाते हैं। अगर आप कहानी, अभिनय और भावनात्मक जुड़ाव चाहते हैं तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है।
टाइगर ने मेहनत जरूर की है, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट और खराब निर्देशन ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। फ्रेंचाइज़ी की यह कड़ी दर्शाती है कि बिना मजबूत कहानी के, सिर्फ एक्शन के दम पर फिल्म हिट नहीं हो सकती।

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