कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। स्थिति उस समय और गरमा गई जब एक राज्य मंत्री ने धरना देकर राहुल गांधी के खिलाफ बड़ा मुद्दा उठाया। इससे रायबरेली का सियासी पारा चढ़ गया और पूरे इलाके में दिनभर राजनीतिक हलचल बनी रही।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का स्वागत
राहुल गांधी रायबरेली पहुंचते ही पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले। समर्थकों ने फूल-मालाओं और नारों के साथ उनका अभिवादन किया। राहुल ने भी जनता से संवाद साधते हुए कहा कि रायबरेली उनका परिवार है और वे यहां की जनता की समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की और कई नई योजनाओं का आश्वासन दिया।
बीजेपी कार्यकर्ताओं का विरोध

दूसरी ओर, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के दौरे का जमकर विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की। उनका आरोप था कि कांग्रेस पार्टी केवल वादे करती है लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं होता। बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि राहुल गांधी जब विपक्ष में हैं, तो केवल आलोचना करते हैं लेकिन जनता की बुनियादी समस्याओं पर कभी ठोस कदम नहीं उठाते।
राज्य मंत्री का धरना
विरोध के बीच सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा राज्य मंत्री का धरना। राज्य मंत्री ने राहुल गांधी के खिलाफ बैठकर प्रदर्शन किया और उन पर जनता से जुड़े मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को सिर्फ चुनाव के वक्त रायबरेली की याद आती है। बाकी समय जनता की समस्याओं से उन्हें कोई लेना-देना नहीं होता। मंत्री ने यह भी दावा किया कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार रायबरेली के विकास के लिए लगातार काम कर रही है।
उठा ये मुद्दा
धरने पर बैठे मंत्री ने बेरोजगारी और विकास कार्यों की धीमी गति का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन के समय यहां उद्योग-धंधों को बढ़ावा नहीं मिला, जिसकी वजह से आज युवाओं को पलायन करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जनता के सवालों का जवाब देना चाहिए, न कि केवल भाषणों और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करनी चाहिए।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
राहुल गांधी के दौरे को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके। विरोध प्रदर्शनों के बावजूद राहुल गांधी का कार्यक्रम सुचारु रूप से संपन्न हुआ। उन्होंने विभिन्न पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
रायबरेली पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, लेकिन बीजेपी लगातार इस सीट पर पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। यही वजह है कि राहुल गांधी के हर दौरे पर बीजेपी कार्यकर्ता विरोध दर्ज कराते हैं। इस बार राज्य मंत्री का धरने पर बैठना राजनीतिक रूप से बड़ा संदेश माना जा रहा है। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में रायबरेली की राजनीति और भी गरमाने वाली है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का यह दौरा जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह लेकर आया, वहीं बीजेपी ने इसे मौके पर बदलते हुए अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश की। मंत्री का धरना और बीजेपी का विरोध बताता है कि रायबरेली अब कांग्रेस के लिए पहले जैसा आसान क्षेत्र नहीं रह गया है। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस को अपने गढ़ को बचाए रखने के लिए और भी मेहनत करनी होगी।
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