आम आदमी पार्टी ने साफ कह दिया है कि वह गोवा में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। इसके अलावा आप ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह बीजेपी को विधायकों की सप्लाई करती है।
गोवा की राजनीति में इस समय बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने साफ कर दिया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस न केवल भरोसे के लायक नहीं है, बल्कि गोवा की राजनीति में बार-बार जनता के जनादेश के साथ विश्वासघात करती रही है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि वह प्रदेश में “ईमानदार राजनीति” के एजेंडे के साथ अकेले चुनाव लड़ेगी और जनता को तीसरा विकल्प देगी।

AAP का बड़ा फैसला, गठबंधन पर पूरी तरह विराम
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को गोवा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन को लेकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं होगा। हमने पहले भी कहा था कि AAP किसी भ्रष्ट दल के साथ समझौता नहीं करेगी। गोवा की जनता कांग्रेस और बीजेपी दोनों से परेशान है, और अब एक साफ-सुथरे विकल्प की तलाश में है।”
केजरीवाल ने यह भी कहा कि पिछली बार जब गोवा में चुनाव हुए थे, तब कांग्रेस को बहुमत के करीब सीटें मिली थीं, लेकिन फिर भी उनकी पार्टी के कई विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने कांग्रेस पर “विधायक खरीद-फरोख्त और राजनीतिक बेईमानी” के गंभीर आरोप लगाए।
‘कांग्रेस ने जनता को धोखा दिया’

AAP के गोवा प्रभारी और पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी आज भरोसे के लायक नहीं रही। गोवा में लोगों ने उन्हें जनादेश दिया था, लेकिन उन्होंने उसे पैसों और सत्ता के लिए बेच दिया। ऐसी पार्टी के साथ हम गठबंधन करके अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते।”
चड्ढा ने आगे कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने दावा किया कि दोनों पार्टियां अंदरखाने मिलकर काम करती हैं और केवल चुनाव के समय जनता को भ्रमित करती हैं।
AAP अकेले लड़ेगी चुनाव, साफ-सुथरी राजनीति का वादा
AAP ने यह भी साफ कर दिया है कि वह गोवा की सभी 40 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी का कहना है कि वह विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी।

पार्टी के गोवा प्रमुख अमित पालेकर ने कहा, “हम गोवा को दिल्ली और पंजाब की तरह ईमानदार शासन देंगे। हमने दोनों जगह साबित किया है कि बिना रिश्वत, बिना माफिया और बिना भ्रष्टाचार के सरकार चल सकती है। अब गोवा में भी बदलाव की बयार बहेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि AAP स्थानीय मुद्दों पर फोकस करेगी—जैसे पर्यावरण संरक्षण, खनन नीति में पारदर्शिता, मछुआरा समुदाय के अधिकार और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर।
कांग्रेस ने दिया पलटवार
AAP के आरोपों पर कांग्रेस ने भी तीखा पलटवार किया है। गोवा कांग्रेस अध्यक्ष यूरी अलेमाओ ने कहा, “AAP बीजेपी की ‘बी-टीम’ की तरह काम कर रही है। उनका मकसद विपक्ष के वोट काटना है ताकि बीजेपी को फायदा मिले।”
उन्होंने यह भी कहा कि AAP को गोवा में अभी तक जनसमर्थन नहीं मिला है, इसलिए वह मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए इस तरह के बयान दे रही है।
राजनीतिक समीकरणों पर असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि AAP का यह कदम गोवा के विपक्षी खेमे को बड़ा झटका दे सकता है। कई नेताओं का कहना है कि अगर कांग्रेस और AAP एकजुट होकर लड़ते तो बीजेपी को कड़ी टक्कर मिल सकती थी, लेकिन अब वोटों का बंटवारा तय है।
हालांकि, AAP का दावा है कि वह गोवा में “किंगमेकर” नहीं बल्कि “किंग” बनने की तैयारी में है।
निष्कर्ष
गोवा की राजनीति में यह फैसला बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। AAP जहां खुद को ईमानदार राजनीति की प्रतीक बताकर जनता का विश्वास जीतना चाहती है, वहीं कांग्रेस इस आरोप से जूझ रही है कि वह लगातार अवसरवादी राजनीति करती रही है। अब देखना यह होगा कि गोवा की जनता किस पर भरोसा करती है — पुरानी राजनीतिक पार्टियों पर या नई राजनीति के दावे करने वाली आम आदमी पार्टी पर।