राजिंदर गुप्ता राज्य सरकार में वाइस चेयरमैन, पंजाब इकोनॉमिक पॉलिसी एंड प्लानिंग बोर्ड के रूप में कार्यरत थे. राज्यसभा के लिए नामांकन भरने के लिए उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है.
आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब से राज्यसभा चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इस बार पंजाब से राज्यसभा नहीं जाएंगे। इसके बजाय पार्टी ने बिजनेसमैन राजिंदर गुप्ता को राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया है। यह कदम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है और कई विश्लेषक इसे AAP की रणनीतिक चाल मान रहे हैं।

केजरीवाल पीछे, राजिंदर गुप्ता आगे

AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी ने यह निर्णय पंजाब में स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करने और राज्यसभा में नए चेहरों को मौका देने के मद्देनजर लिया है। प्रवक्ता ने बताया, “अरविंद केजरीवाल ने खुद कहा कि वह दिल्ली की जिम्मेदारियों पर फोकस करेंगे और पंजाब से राज्यसभा चुनाव में नहीं जाएंगे। इसके बजाय हम राजिंदर गुप्ता को राज्यसभा का उम्मीदवार बना रहे हैं। राजिंदर गुप्ता पंजाब में व्यापारिक और सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय रहे हैं और उन्हें राज्यसभा में हमारी पार्टी का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।”
राजिंदर गुप्ता का नाम पिछले कुछ महीनों से पार्टी के भीतर चर्चा में था। वह पंजाब के बड़े उद्योगपतियों और सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे हैं और उन्हें राज्य में आर्थिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने वाला चेहरा माना जाता है। AAP ने इसे एक रणनीतिक कदम बताया है ताकि पार्टी पंजाब में आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी पकड़ मजबूत कर सके।
कौन हैं राजिंदर गुप्ता?

राजिंदर गुप्ता अभी तक राज्य सरकार में वाइस चेयरमैन, पंजाब इकोनॉमिक पॉलिसी एंड प्लानिंग बोर्ड के रूप में कार्यरत थे. राज्यसभा के लिए नामांकन भरने के लिए उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है. गुप्ता ट्राइडेंट कंपनी के संस्थापक और CEO भी हैं, और उन्होंने संजीव अरोड़ा की जगह यह जिम्मेदारी संभाली थी.
AAP सूत्रों ने कहा कि राजिंदर गुप्ता एक प्रतिष्ठित पंजाबी उद्योगपति और हार्वर्ड के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने ट्राइडेंट ग्रुप के माध्यम से भारत और विदेशों में लाखों लोगों के लिए रोजगार सृजित किया है.
AAP का रणनीतिक दृष्टिकोण
विशेषज्ञों का कहना है कि AAP का यह फैसला पंजाब में पार्टी की स्थिति को और सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया गया कदम है। राज्यसभा में नए चेहरों को मौका देने से पार्टी के भीतर नई ऊर्जा आएगी और स्थानीय नेतृत्व को भी बढ़ावा मिलेगा।
राज्यसभा में राजिंदर गुप्ता के आने से पार्टी के आर्थिक और उद्योग संबंधी मुद्दों को आवाज़ मिलने की संभावना है। इसके साथ ही यह कदम दिल्ली में केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में पूर्ण ध्यान केंद्रित करने का अवसर देगा।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर रामकिशन ने कहा, “AAP का यह फैसला रणनीतिक रूप से समझदारी भरा है। राज्यसभा में नया चेहरा उतारने से पंजाब में पार्टी की पहचान और मजबूत होगी। इसके अलावा, यह संकेत है कि केजरीवाल पंजाब के बजाय दिल्ली पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।”
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि राज्यसभा में बिजनेसमैन को उम्मीदवार बनाने से पार्टी के नीति निर्माण में व्यावसायिक और आर्थिक दृष्टिकोण शामिल होगा, जिससे पार्टी की छवि और भी प्रगतिशील बनेगी।
AAP नेताओं की प्रतिक्रिया
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब प्रभारी ने कहा कि राजिंदर गुप्ता ने हमेशा से ही पार्टी के मूल सिद्धांतों – भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति और सामाजिक न्याय – का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “राजिंदर गुप्ता राज्यसभा में पार्टी की विचारधारा और पंजाब के हितों का प्रतिनिधित्व अच्छे से करेंगे। यह बदलाव पार्टी के लिए लाभकारी साबित होगा।”
सियासी हलचल और विपक्ष की प्रतिक्रिया
AAP के इस निर्णय ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी दलों ने कहा है कि यह केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा है। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्यसभा में उम्मीदवार बदलने से पार्टी की नीतियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह स्पष्ट संकेत है कि AAP पंजाब में अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है।
निष्कर्ष
राज्यसभा चुनाव के लिए AAP का यह कदम पार्टी की रणनीति, पंजाब में नए चेहरे और दिल्ली में केजरीवाल के नेतृत्व पर फोकस को दर्शाता है। राजिंदर गुप्ता के आने से न सिर्फ पार्टी को राज्यसभा में नया प्रतिनिधित्व मिलेगा बल्कि आर्थिक और सामाजिक नीतियों में भी मजबूत आवाज़ उठाने का अवसर मिलेगा।
अब देखना यह है कि राजिंदर गुप्ता का राज्यसभा चुनाव में जीतना पार्टी के लिए कितना फायदेमंद साबित होता है और पंजाब में राजनीतिक समीकरणों पर इसका क्या असर पड़ता है।
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