सड़क पर पड़े पत्थर से बचने के लिए ड्राइवर ने बस मोड़ी और वह अनियंत्रित होकर पुल से लटक गई। इस समय बस में 16 यात्री सवार थे। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी को गंभीर चोट नहीं आई।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में सोमवार सुबह एक बड़ा सड़क हादसा टल गया। ब्रजघाट के पास सड़क पर पड़े एक पत्थर के कारण यूपी रोडवेज की बस का संतुलन बिगड़ गया और वह पुल से नीचे गिरने ही वाली थी। बस का अगला हिस्सा हवा में लटक गया जबकि पिछला हिस्सा किसी तरह पुल पर टिका रह गया। बस में उस समय करीब 16 यात्री सवार थे, जो हादसे के बाद चीख-पुकार मचाते हुए जान बचाने की कोशिश करने लगे। सौभाग्य से किसी भी यात्री को गंभीर चोट नहीं आई और सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

कैसे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, हादसा हापुड़ के ब्रजघाट इलाके में हुआ। यूपी रोडवेज की बस गाजियाबाद से गढ़मुक्तेश्वर की ओर जा रही थी। सुबह करीब 8 बजे जब बस ब्रजघाट पुल के बीचोंबीच पहुंची, तभी सड़क पर पड़ा एक बड़ा पत्थर आगे के पहियों के नीचे आ गया। चालक ने बस को संभालने की कोशिश की, लेकिन अचानक संतुलन बिगड़ गया और बस बाईं ओर झुकने लगी। कुछ ही सेकंड में बस का आधा हिस्सा पुल से बाहर निकल गया और वह हवा में लटक गई।

बस के अंदर सवार यात्री इस घटना से दहशत में आ गए। कई लोग सीटों से गिर पड़े और चीखने लगे। कुछ यात्रियों ने तुरंत दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन बस के झुके होने की वजह से दरवाजा खुल नहीं पाया। वहीं, ड्राइवर और कंडक्टर ने सूझबूझ दिखाते हुए बस का इंजन बंद कर दिया ताकि कोई बड़ा हादसा न हो।
स्थानीय लोगों ने दिखाई बहादुरी
जैसे ही लोगों ने देखा कि ब्रिज पर एक बस लटक रही है, आसपास के ग्रामीण और राहगीर तुरंत मौके पर पहुंच गए। स्थानीय लोगों ने यात्रियों को पीछे की ओर बैठने के लिए कहा ताकि बस का वजन संतुलित रहे और वह नीचे न गिरे। कुछ लोगों ने रस्सियां और लोहे की छड़ें लाकर बस को अस्थायी रूप से सहारा दिया। इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक टीम को सूचना दी गई।
कुछ ही देर में पुलिस, फायर ब्रिगेड और बचाव दल मौके पर पहुंच गए। बचावकर्मियों ने बस के पिछले हिस्से को क्रेन की मदद से सहारा दिया और यात्रियों को एक-एक करके सुरक्षित बाहर निकाला। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद सभी 16 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
ड्राइवर की सूझबूझ से बची जानें

यूपी रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि बस चालक ने बेहद समझदारी दिखाई। उसने जैसे ही बस का बैलेंस बिगड़ता देखा, तुरंत एक्सीलेरेटर छोड़ दिया और इंजन बंद कर दिया। अगर थोड़ी भी देर होती तो बस पुल से नीचे गंगा नदी में गिर सकती थी और एक बड़ी त्रासदी हो सकती थी। बस का अगला हिस्सा पूरी तरह हवा में लटक गया था और केवल पिछला हिस्सा पुल पर टिका था।
प्रशासन ने जांच के दिए आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी और आरटीओ की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह हादसा सड़क पर पड़े पत्थर की वजह से हुआ है। फिलहाल, संबंधित विभाग को आदेश दिया गया है कि पुल और उसके आसपास की सड़क की पूरी जांच की जाए ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे दोबारा न हों।
हापुड़ पुलिस ने बताया कि दुर्घटना स्थल पर यातायात कुछ देर के लिए बाधित रहा, लेकिन बाद में बस को क्रेन की मदद से हटाने के बाद सड़क को सामान्य कर दिया गया। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ब्रजघाट पुल पर नियमित निगरानी रखी जाए और सड़कों पर पड़े मलबे या पत्थरों को समय-समय पर हटाया जाए।
यात्रियों ने सुनाई आपबीती
बस में सवार यात्रियों ने बताया कि हादसे के वक्त ऐसा लगा जैसे बस सीधा नीचे गिर जाएगी। एक यात्री ने कहा, “बस झुकी और हमें लगा कि अब सब खत्म हो गया। लेकिन भगवान का शुक्र है कि हम सब जिंदा हैं।” कुछ यात्रियों ने ड्राइवर की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसने बहुत शांत रहकर बस को संभाला, वरना नतीजा भयावह हो सकता था।
निष्कर्ष
ब्रजघाट हादसा एक चेतावनी है कि सड़कों पर लापरवाही या मामूली सी चूक कितनी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। प्रशासन ने पुल और उसके आस-पास सफाई व रखरखाव को प्राथमिकता देने की बात कही है। वहीं, यात्रियों की सुरक्षित बच निकलने की खबर ने पूरे इलाके में राहत की सांस दी। अगर ड्राइवर और स्थानीय लोग समय पर सूझबूझ नहीं दिखाते, तो यह घटना एक बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी।