बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर दलितों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा इनका रवैया हमेशा जातिवादी एवं द्वेषपूर्ण रहा है.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस को निशाने पर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये राजनीतिक दल समय-समय पर वोट बैंक की संकीर्ण राजनीति के लिए लोगों से छलावा करते रहे हैं। मायावती ने कहा कि ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि उनका उद्देश्य हमेशा दलितों, आदिवासी और अन्य पिछड़े वर्गों के हक और अधिकारों के खिलाफ रहा है।

सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट
मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट “X” पर एक लंबी पोस्ट के माध्यम से सपा और कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, “देश में जातिवादी व्यवस्था के शिकार करोड़ों दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़े बहुजनों को शोषित से शासक वर्ग बनाने के बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मिशनरी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के कारवां को जिन्दा करके उसे नई गति प्रदान करने वाले बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर कांशीराम के प्रति विरोधी पार्टियों में भी ख़ासकर समाजवादी पार्टी व कांग्रेस आदि इन पार्टियों का रवैया हमेशा से घोर जातिवादी एवं द्वेषपूर्ण रहा है।”
दलित राजनीति और वोट बैंक की राजनीति
मायावती ने आगे कहा कि सपा और कांग्रेस ने हमेशा अपनी राजनीतिक लाभ की खातिर दलित और पिछड़े वर्गों को केवल चुनावी हथियार के रूप में देखा है। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों की राजनीति झूठे वादों और छलावे पर आधारित रही है, जिससे आम जनता का भरोसा टूटता है। मायावती ने स्पष्ट किया कि बसपा का मकसद केवल वोट हासिल करना नहीं, बल्कि बहुजन समाज के अधिकारों, सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा करना है।
उन्होंने कहा, “हमारे संस्थापक कांशीराम जी ने बहुजन समाज को संगठित किया और उसे सत्ता में प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए एक स्थायी मंच बनाया। इसके विपरीत अन्य पार्टियां केवल वोट बैंक की राजनीति करती रही हैं और बहुजन समाज के हितों की अनदेखी करती रही हैं।”
दलितों और पिछड़ों के हितों के लिए बसपा का मंच
मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का गठन ही दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए हुआ था। उनका उद्देश्य था कि ये वर्ग शोषित से शासक बने और समाज में अपनी उपस्थिति और अधिकार को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस की राजनीति हमेशा ही इस मिशन के खिलाफ रही है, और उनकी नीतियों में दलित विरोधी रुख स्पष्ट दिखाई देता है।
मायावती ने यह भी कहा कि बहुजन समाज पार्टी ने हमेशा जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि जनता को चाहिए कि वह ऐसे दलों की राजनीति को समझे, जो केवल चुनावी लाभ के लिए झूठे वादे करते हैं और बहुजन समाज के वास्तविक अधिकारों की अनदेखी करते हैं।
सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला

मायावती के अनुसार, सपा और कांग्रेस के रवैये में हमेशा से द्वेष और जातिवादी मानसिकता रही है। उन्होंने कहा कि ये पार्टियां बहुजन समाज के उत्थान और स्वाभिमान को रोकने की कोशिश करती रही हैं। उनका आरोप है कि ये पार्टियां अधिकार और सम्मान से जुड़े मुद्दों पर कभी गंभीर नहीं रही, बल्कि केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए समाज को बांटने का काम करती रही हैं।
निष्कर्ष
मायावती का यह बयान उत्तर प्रदेश की आगामी चुनावी सियासत में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। उन्होंने सपा और कांग्रेस पर दलित विरोधी और जातिवादी रुख रखने का आरोप लगाया है और अपने समर्थकों को सतर्क रहने का संदेश दिया है।
बसपा सुप्रीमो का यह पोस्ट न केवल राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप को उजागर करता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि मायावती और उनकी पार्टी अब भी उत्तर प्रदेश की राजनीति में दलित और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के लिए सक्रिय हैं।
इस बयान के बाद आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश की राजनीतिक परिदृश्य में सपा, कांग्रेस और बसपा के बीच गहरी टकराव की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। मायावती का संदेश स्पष्ट है—दलित और पिछड़े वर्ग के वोटों की राजनीति करने वालों से सावधान रहना जरूरी है, और बसपा ही उनके अधिकारों और सम्मान की असली प्रतिनिधि है।
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