पुलिस पर भड़कीं पवन सिंह की पत्नी, CM योगी से लगाई गुहार !

ज्योति सिंह ने थाना सुशांत गोल्फ सिटी (लखनऊ) के एसएचओ उपेंद्र सिंह पर अभद्र और अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह अक्सर अपनी फिल्मों और गानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इस बार चर्चा उनकी निजी जिंदगी को लेकर है। उनकी पत्नी ज्योति सिंह ने यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी और दुर्व्यवहार किया। ज्योति सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना हाल ही में उस वक्त सामने आई जब ज्योति सिंह किसी निजी कार्यक्रम के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पहुंचीं। वहां कथित तौर पर स्थानीय पुलिस ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। ज्योति सिंह का कहना है कि उन्हें बिना किसी कारण पुलिस चौकी में रोक लिया गया और उनके साथ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया।

पुलिस पर भड़कीं पवन सिंह की पत्नी, CM योगी से लगाई गुहार !
पुलिस पर भड़कीं पवन सिंह की पत्नी, CM योगी से लगाई गुहार !

ज्योति सिंह ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कारण पूछा, तो उन्हें धमकाया गया और कहा गया कि “तुम पवन सिंह की पत्नी हो, तो क्या हुआ?” उन्होंने कहा कि पुलिस का यह रवैया अत्यंत अपमानजनक और अस्वीकार्य है। उनका कहना है कि एक महिला के साथ इस तरह का बर्ताव उस राज्य में हो रहा है जो “महिला सुरक्षा और सम्मान” को लेकर सबसे सख्त कानून लागू करने का दावा करता है।

CM योगी से की न्याय की अपील

CM योगी से की न्याय की अपील
CM योगी से की न्याय की अपील

ज्योति सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी बात रखी है। उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा,

“मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से निवेदन करती हूं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। यूपी पुलिस ने मेरे साथ जो किया, वह किसी भी महिला के साथ नहीं होना चाहिए। मैं चाहती हूं कि जिन अधिकारियों ने यह कृत्य किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।”

उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे कानूनी रास्ता अपनाने से पीछे नहीं हटेंगी।

पवन सिंह ने दिया पत्नी का साथ

पवन सिंह ने दिया पत्नी का साथ
पवन सिंह ने दिया पत्नी का साथ

पवन सिंह, जो इस समय अपनी नई फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं, उन्होंने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वे इस पूरे घटनाक्रम से गहराई से आहत हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क करने की बात कही है।
पवन सिंह ने कहा,

“मेरी पत्नी के साथ जो हुआ, वह किसी भी महिला के साथ नहीं होना चाहिए। अगर यूपी जैसे राज्य में महिला सुरक्षा की गारंटी देने वाली सरकार में पुलिस ही इस तरह का बर्ताव करेगी, तो आम जनता का क्या होगा?”

पवन सिंह ने यह भी जोड़ा कि वे इस मामले को लेकर जल्द ही डीजीपी से मुलाकात करेंगे।

पुलिस विभाग की सफाई

इस मामले पर यूपी पुलिस की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। बलिया पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि “घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्राथमिक जांच में पता चला है कि ज्योति सिंह को ट्रैफिक रूटीन चेकिंग के दौरान रोका गया था।” पुलिस का दावा है कि “किसी तरह की बदसलूकी नहीं की गई” और “अगर किसी अधिकारी ने अनुचित व्यवहार किया होगा, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।”

हालांकि, ज्योति सिंह ने इस सफाई को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा कि यह सिर्फ “मामले को दबाने की कोशिश” है।

सोशल मीडिया पर गर्म हुई बहस

ज्योति सिंह के इस आरोप के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई यूज़र्स ने उनकी हिम्मत की सराहना की है कि उन्होंने खुलकर आवाज उठाई। वहीं कुछ लोग पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कह रहे हैं कि “कानून सबके लिए बराबर है।”

लेकिन ज्योति सिंह के समर्थक यह कहते नजर आ रहे हैं कि “अगर कोई महिला पुलिस के खिलाफ आवाज उठा रही है, तो पहले उसे सुना जाना चाहिए।”

राजनीतिक रंग लेने लगा मामला

इस विवाद ने अब राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि “महिला सुरक्षा के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।” समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है।

वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था पर किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करते, और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर सख्त कार्रवाई तय है।

निष्कर्ष

पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह का यह मामला अब सिर्फ एक व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि महिला सुरक्षा और पुलिस के आचरण पर भी सवाल उठाने लगा है। एक ओर पुलिस अपनी सफाई दे रही है, वहीं दूसरी ओर पीड़िता न्याय की गुहार लगा रही है। अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर टिकी हैं कि वे इस मामले में क्या कदम उठाते हैं — क्योंकि यह सिर्फ एक अभिनेत्री या स्टार की पत्नी का मामला नहीं, बल्कि उस “संवेदनशील व्यवस्था” की परीक्षा है जो “सबका साथ, सबका विकास” का दावा करती है।

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