नई सदी के शोमैन संजय लीला भंसाली की खोज कही जाने वाली अभिनेत्री इंदिरा तिवारी का कॅरिअर इन दिनों बल्लियों उछल रहा है। हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म की श्रीलंका से शूटिंग करके लौटीं इंदिरा जल्द ही देश की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने वाली चुनिंदा महिला नेताओं में से एक सरोजिनी नायडू की बायोपिक में उनकी भूमिका करते नजर आएंगी।
सूत्रों की माने तो यूनाइटेड प्रोविंसेस की पहली राज्यपाल और भारत कोकिला के नाम से मशहूर रहीं सरोजिनी नायडू की बायोपिक से अक्षय कुमार की पहली फिल्म ‘सौगंध’ की हीरोइन शांतिप्रिया को बाहर कर दिया गया है। उनकी जगह इंदिरा तिवारी को इस अहम किरदार के लिए लिया गया है। जानकारी यह भी है कि फिल्म ‘सरोजिनी की शूटिंग करीब-करीब पूरी हो चुकी है और इस फिल्म के लिए इंदिरा ने जो काया परिवर्तन किया है, वैसा किसी महिला कलाकार ने हाल के दिनों में हिंदी सिनेमा में नहीं किया है। इंदिरा तिवारी ने इस खास किरदार के लिए अपने रंगमंच के दिनों के अनुभव को फिर से जिया है और बताया जाता है कि अपने रूप, रंग और वजन के साथ प्रयोग करने में उन्हें अपनी छोटी बहन और कवयित्री ऐश्वर्या तिवारी की भी खासी मदद मिली है। इंदिरा और ऐश्वर्या बचपन से ही कला क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। इंदिरा को तो बचपन में ही राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका है। फिल्म ‘बस्तर द नक्सल स्टोरी’ के लिए खूब सराही गईं इंदिरा के पास राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की एक प्रभावशाली स्लेट तैयार हो रही है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्नातक इंदिरा तिवारी की रुचि रंगमंच में भी लगातार बनी हुई है और वह हाल ही में उत्तर पूर्व में अपनी एक सोलो प्रस्तुति देकर मुंबई लौटी हैं। गिरीश कारनाड के लिखे नाटक ‘हयवदन’ की नायिका का चरित्र निभाने का एक प्रस्ताव भी इंदिरा को हाल ही में मिला है।