होली के रंगोत्सव से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई जीत का प्रतीक है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन होलिका की आग में अपनी बुराइयों को जलाकर नए कल की शुरुआत की जाती है। हालांकि, होलिका दहन के लिए सही मुहूर्त का देखा जाना भी बेहद आवश्यक होता है। होलिका दहन के समय भद्राकाल का होना अशुभ होता है, साल 2025 में भी होलिका दहन के दिन भद्राकाल रहेगा। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि आपको होलिका दहन किस समय करना चाहिए, और साथ ही इस दिन क्या काम करने से आपको लाभ होगा और किन कार्यों को करने से आपको बचना चाहिए।
होलिका दहन के दिन भद्राकाल
छोटी होली के दिन होलिका दहन किया जाता है। साल 2025 में 13 मार्च को छोटी होली है। इस दिन सुबह से लेकर शाम 6 बजकर 57 मिनट तक भद्रा पूंछ रहेगी। उसके बाद शाम 6 बजकर 57 मिनट से रात 10 बजकर 22 मिनट तक भद्रा मुख है। भद्रा मुख में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता। इसलिए होलिका दहन के लिए 13 मार्च की रात 10 बजकर 22 मिनट के बाद का समय ही शुभ रहेगा।
होलिका दहन के दिन क्या न करें
- होलिका दहन के दिन भद्राकाल है। इसलिए इस दिन गलती से भी शादी, मुंडन, गृह प्रवेश जैसा कोई भी शुभ कार्य न करें।
- इस दिन कारोबारियों को कोई भी डील फाइनल करने से बचना चाहिए।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भद्राकाल में यात्रा करने की भी मनाही होती है।
- धन से जुड़ा लेन-देन भी इस दौरान करने से बचें, नहीं तो लाभ की जगह नुकसान हो सकता है।
- इस दिन वाहन, भूमि, भवन आदि भी नहीं खरीदना चाहिए।
होलिका दहन के दिन क्या करें
- भद्रा काल के दौरान आप कुल देवी या देवता की पूजा कर सकते हैं।
- इस दौरान मंत्रों का जप करना भी बेहद शुभ माना जाता है।
- भगवान विष्णु की पूजा करना और उनके मंत्रों का जप करने से आपको शुभ फल प्राप्त होते हैं।
- इस दौरान आपको बहन, मौसी को उपहार दे सकते हैं।
- भद्राकाल में शनि देव के मंत्रों का जप करने से कई कष्टों का निवारण होता है।