भारत में एयर कंडीशनर के तापमान के लिए नए नियम आने वाले हैं। सरकार एसी का तापमान 20 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रखने की तैयारी कर रही है। यह नियम घरों और दफ्तरों में लागू होगा। ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह जानकारी दी है। इससे बिजली की बचत होगी और पर्यावरण को भी फायदा होगा।
भारत सरकार ने एयर कंडीशनर (AC) के तापमान को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब नए AC मॉडल्स में तापमान 20 डिग्री से नीचे और 28 डिग्री से ऊपर सेट नहीं किया जा सकेगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह जानकारी दी है। यह नियम घरों और दफ्तरों दोनों जगह इस्तेमाल होने वाले एसी पर लागू होगा। कई देशों में पहले से ही ऐसे नियम लागू हैं। अब भारत भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
ऊर्जा मंत्रालय और ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) ने इस नए नियम को लागू करने की घोषणा की है। सरकार का मानना है कि इससे बिजली की खपत में भारी कमी आएगी, कार्बन उत्सर्जन घटेगा, और उपभोक्ताओं का बिजली बिल भी कम होगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, हर 1 डिग्री तापमान घटाने पर AC की बिजली खपत 6% तक बढ़ जाती है। भारत में गर्मियों के महीनों में बिजली की मांग 250 गीगावॉट तक पहुंच जाती है, जिसमें सबसे ज्यादा योगदान एयर कंडीशनर और कूलिंग उपकरणों का होता है।
यह नियम फिलहाल सभी नए AC मॉडल्स पर लागू होगा। यानी जो भी AC कंपनियां अब नए मॉडल बनाएंगी, उनमें तापमान 20 डिग्री से नीचे और 28 डिग्री से ऊपर सेट नहीं किया जा सकेगा। साथ ही सार्वजनिक भवन, होटल, मॉल, कार्यालय, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और कारों में लगे AC पर भी यह नियम लागू किया जाएगा।

सरकार ने यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए लिया है। जापान, इटली, स्पेन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में AC के तापमान को लेकर सख्त नियम लागू हैं। जापान में डिफॉल्ट सेटिंग 26 डिग्री रखी गई है, वहीं इटली और स्पेन में 23 से 27 डिग्री के बीच।
नए नियम क्या हैं?
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस योजना के बारे में बताया है। नए नियमों के मुताबिक, एसी के लिए तापमान का एक नया स्टैंडर्ड लागू हो रहा है। एसी का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच तय किया जाएगा। इसका मतलब है कि एसी इसी रेंज के बीच में चलेगा। न 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे और न 28 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा। यह नियम घरों, कार्यालयों, मॉलों, होटलों और वाहनों सहित सभी क्षेत्रों में एयर कंडीशनर पर लागू होगा।
वर्तमान में कई एसी 16 डिग्री सेल्सियस या 18 डिग्री सेल्सियस तक कम तापमान पर सेट किए जा सकते हैं। कुछ 30 डिग्री सेल्सियस तक जा सकते हैं। नया नियम इन सीमाओं को प्रतिबंधित कर देगा। सरकार एसी निर्माताओं के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि नए एसी में ये सेटिंग्स डिफॉल्ट रूप से आएं या पुराने एसी के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट जारी किए जा सकें।
सरकार 20 डिग्री सेल्सियस और 28 डिग्री सेल्सियस के बीच एसी कूलिंग को क्यों सीमित करना चाहती है?
इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। ये ऊर्जा संरक्षण, बिजली ग्रिड पर दबाव कम करने और स्वास्थ्य से जुड़े हैं।
1. ऊर्जा बचत और बिजली बिल में कमी
जब एसी को बहुत कम तापमान पर (जैसे 16-18°C) चलाया जाता है तो यह बहुत अधिक बिजली की खपत करता है। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) के अनुसार, एसी का तापमान सिर्फ 1°C बढ़ाने से लगभग 6% बिजली की बचत होती है। अगर लोग अपने एसी को 20°C की बजाय 24°C पर सेट करते हैं तो लगभग 24% बिजली की बचत हो सकती है। इस कदम से उपभोक्ताओं के बिजली बिल में कमी आएगी और राष्ट्रीय स्तर पर भी ऊर्जा की भारी बचत होगी।
2. बिजली ग्रिड पर दबाव कम करना
भारत में भीषण गर्मी के दौरान एसी का इस्तेमाल बहुत बढ़ जाता है। इससे बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाती है। एसी अकेले देश की कुल बिजली खपत का लगभग 20% (लगभग 50 गीगावाट) के लिए जिम्मेदार हैं। तापमान को मानकीकृत करने से बिजली ग्रिड पर पड़ने वाले अत्यधिक दबाव को कम करने में मदद मिलेगी। इससे बिजली कटौती और ब्लैकआउट से बचा जा सकेगा।
3. पर्यावरण पर प्रभाव और जलवायु परिवर्तन
अधिक बिजली खपत का मतलब है अधिक जीवाश्म ईंधन (जैसे कोयला) जलाना। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन बढ़ता है। इसका जलवायु परिवर्तन में योगदान होता है। ऊर्जा दक्षता में सुधार करके सरकार कार्बन उत्सर्जन को कम करना चाहती है।
4. स्वास्थ्य के फायदे
विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत कम तापमान पर एसी चलाने से शरीर को ‘टेम्परेचर शॉक’ लग सकता है जब कोई व्यक्ति ठंडे कमरे से बाहर निकलकर भीषण गर्मी में आता है। इससे सर्दी, थकान और यहां तक शरीर के आंतरिक अंगों पर भी तनाव पड़ सकता है। 22°C से 24°C का तापमान शरीर के लिए आदर्श माना जाता है। यह आराम प्रदान करता है और बाहर के तापमान के साथ बहुत बड़ा अंतर नहीं पैदा करता। 20°C से 28°C का यह दायरा आरामदायक और स्वास्थ्यवर्धक है।
5. व्यावहारिक बदलाव को बढ़ावा देना
यह नियम लोगों को ज्यादा जिम्मेदार और ऊर्जा-सचेत तरीके से AC का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
अभी कितने टेंपरेचर पर चलते हैं AC?
बता दें कि मौजूदा वक्त में कई कंपनियों के एसी कम से कम 16 डिग्री तापमान पर चल सकते हैं। यह नियम लागू होने के बाद एयर कंडीशनर कंपनियां इसे अपने नए एसी के लिए लागू करेंगी। यानी इसके बाद मार्केट में जो एसी आएंगे, उनमें मिनिमम 20 डिग्री की कूलिंग मिलेगी और 28 डिग्री से ऊपर तापमान नहीं किया जा सकेगा।
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