CM योगी का एक्शन मोड, 7 लापरवाह अफसरों पर गिरी गाज !

यूपी में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के काम में लापरवाही के चलते अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है। इस मामले में चार प्रोजेक्ट मैनेजर और तीन जूनियर इंजीनियरों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। सीएम योगी ने कार्रवाई के बाद भी सुधार न आने की स्थिति में कठोर कार्रवाई की बात कही है।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि लापरवाही और कामचोरी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने सरकारी परियोजनाओं में लापरवाही बरतने वाले 7 अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी को जिम्मेदार ठहराया है। इनमें 4 प्रोजेक्ट मैनेजर और 3 जूनियर इंजीनियर शामिल हैं, जिनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहे थे।

CM योगी का एक्शन मोड, 7 लापरवाह अफसरों पर गिरी गाज !
CM योगी का एक्शन मोड, 7 लापरवाह अफसरों पर गिरी गाज !

परियोजनाओं की प्रगति में बाधा बने अधिकारी

सीएम योगी को विभिन्न निर्माण कार्यों और विकास परियोजनाओं की धीमी प्रगति की रिपोर्ट मिली थी। इसके बाद जब इन प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की गई तो सामने आया कि कई जगहों पर अफसरों की लापरवाही और गैर-जिम्मेदार रवैये के कारण काम तय समयसीमा में पूरा नहीं हो पा रहा है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, 4 प्रोजेक्ट मैनेजरों और 3 जूनियर इंजीनियरों को उनके पदों से हटा दिया गया है, साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।

विकास कार्यों में नहीं चलेगी सुस्ती

मुख्यमंत्री योगी ने साफ कहा है कि सरकार की प्राथमिकता में पारदर्शी और तेज़ गति से विकास कार्य हैं। जो भी अधिकारी इस दिशा में बाधा बनेगा, उस पर कार्रवाई निश्चित है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समय पर प्रोजेक्ट पूरे न करने वाले, घटिया निर्माण कार्य करने वाले या अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।

अफसरों को चेतावनी

अफसरों को चेतावनी
अफसरों को चेतावनी

मुख्यमंत्री ने अन्य अफसरों को भी चेताया है कि वे अपने कार्यों को गंभीरता से लें। उन्होंने निर्देश दिया कि जमीनी स्तर पर कार्य की गुणवत्ता, प्रगति और पारदर्शिता बनाए रखना अनिवार्य है। मुख्यमंत्री की इस कार्रवाई को सिस्टम में जवाबदेही तय करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

जनता को समय पर मिले सुविधाएं

सरकार की मंशा है कि सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े विकास कार्य समयबद्ध ढंग से पूरे हों ताकि जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप है और अधिकारी अब सतर्क होकर काम में जुट गए हैं।

विभागीय समीक्षा बैठक में सामने आई लापरवाही

परती भूमि विकास विभाग की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी के मुख्य कार्य अधिकारी जीएस नवीन ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप समय-समय पर योजनाओं की प्रगति को लेकर विभागीय समीक्षा की जाती है। इसी क्रम में हाल ही में योजना के प्रोजेक्टर मैनेजर और जूनियर इंजीनियरों के साथ समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान प्रोजेक्ट मैनेजर और जूनियर इंजीनियरों से परियोजनाओं के डीपीआर के अनुसार पिछले पांच वर्षों में किये गये कार्यों के विवरण की जानकारी की मांगी गई। इसमें चार प्रोजेक्ट मैनेजर और तीन जूनियर इंजीनियर कार्यों का विवरण नहीं दे सके। इसके साथ ही ये लोग वर्तमान वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना के बारे में भी नहीं बताया सके। 

हाल में हुई बैठक में कार्य में सुस्ती और लापरवाही की वजह से चार प्रोजेक्ट मैनेजर और तीन जूनियर इंजीनियरों की कार्यशैली पर सवाल उठे। सीएम योगी ने इसे गंभीरता से लिया और इसके बाद एक्शन लिया गया। उन्होंने उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अगर कार्रवाई के बावजूद वे अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं करते हैं, तो भविष्य में और भी कड़ी कार्रवाई की जाए।

चार जिलों के प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ एक्शन

सीओ जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रथम और द्वितीय की समीक्षा की गई। इसमें प्रयागराज के प्रोजेक्ट मैनेजर सुरेंद्र प्रताप सिंह, महोबा के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय कुमाार, चित्रकूट कर्वी (।।) के प्रोजेक्ट मैनेजर देवेंद्र सिंह निरंजन और प्रतापगढ़ के प्रोजेक्ट मैनेजर चमन सिंह को कार्यों में लापरवाही के लिए प्रतिकूल प्रविष्टि थमाई गई है।

इसके साथ ही प्रयागराज के जूनियर इंजीनियर विश्वजीत यादव, प्रतापगढ़ प्रथम भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय के जूनियर इंजीनियर दिनकर और आशीष कुमार यादव को भी कार्यों में लापरवाही के लिए प्रतिकूल प्रविष्टि थमाई गई है।

Also Read :

योगी राज में एनकाउंटर राज: 8 साल में 234 दुर्दांत अपराधी ढेर, मेरठ जोन सबसे आगे !