महाराष्ट्र कांग्रेस को एक बार फिर झटका लगने जा रहा है। दरअसल दो बार के विधायक और कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष कुणाल पाटिल आज दोपहर 2 बजे भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। कांग्रेस पार्टी के लिए यह एक गंभीर झटका साबित हो सकता है, क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष कुणाल पाटिल जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बात की लगभग पुष्टि हो चुकी है और अगले कुछ दिनों में वे आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
कुणाल पाटिल के दादा सांसद रह चुके हैं और उनके पिता 7 बार विधायक थे। कुणाल पाटिल को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है। पिछले साल महाराष्ट्र चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी कुणाल पाटिल के घर भी गए थे।
कौन हैं कुणाल पाटिल?

कुणाल पाटिल महाराष्ट्र के धुले जिले से कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं और वर्तमान में वे पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वे अपने क्षेत्र में मजबूत जनाधार और सक्रिय सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं। साथ ही, पाटिल परिवार का लंबे समय से महाराष्ट्र की राजनीति में प्रभाव रहा है।
भाजपा में शामिल होने की वजहें
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, कुणाल पाटिल का भाजपा में शामिल होना निम्नलिखित कारणों से प्रेरित हो सकता है:
- कांग्रेस की कमजोर होती संगठनात्मक स्थिति — प्रदेश में लगातार नेताओं के पार्टी छोड़ने से असंतोष बढ़ा है।
- भाजपा की बढ़ती पकड़ — राज्य में भाजपा का जनाधार तेजी से बढ़ रहा है, और कई नेता अवसरवादी दृष्टिकोण से भाजपा की ओर रुख कर रहे हैं।
- व्यक्तिगत राजनीतिक भविष्य — संभावित मंत्री पद या संगठनात्मक भूमिका मिलने की उम्मीदें।
भाजपा के लिए क्या होगा लाभ?
कुणाल पाटिल जैसे बड़े नेता का आना भाजपा के लिए धुले और उत्तर महाराष्ट्र क्षेत्र में एक बड़ा राजनीतिक फायदा हो सकता है:
- कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध।
- स्थानीय नेताओं को मजबूती और विपक्ष को कमजोर करना।
- आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मजबूत जनाधार।
दिल्ली तक पहुंचा मुंबई कांग्रेस का विवाद

इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी में इन दिनों हर फ्रंट पर विवाद देखने को मिल रहा है। इस बीच मुंबई कांग्रेस का झगड़ा भी दिल्ली तक पहुंच चुका है। दरअसल बीएमसी चुनाव समिति में शामिल न किए जाने से नाराज मुंबई कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की।
इस मुलाकात के दौरान मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड के कथित मनमानी रवैये की जानकारी कांग्रेस नेताओं द्वारा मल्लिकार्जुन खरगे को दी गई। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ को आदेश दिया कि बीएणसी चुनाव समिति में वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया जाए।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
हालांकि कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व इस घटनाक्रम से आश्चर्यचकित और चिंतित है। यह कदम पार्टी की रणनीति और चुनाव तैयारियों पर असर डाल सकता है।
पहले भी हुए हैं बड़े नेता पार्टी से बाहर
यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र कांग्रेस को इस तरह के झटके लगे हों। इससे पहले भी अशोक चव्हाण, मिलिंद देवड़ा जैसे बड़े नाम कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं और भाजपा या अन्य दलों में शामिल हो चुके हैं।
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