AAP नेता सत्येंद्र जैन को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। नियमों के विरुद्ध PWD में प्रोफेशनल्स की भर्ती में कथित अनियमितता के मामले में कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट मंजूर कर ली है।
आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को एक बड़े मामले में राहत मिली है। दिल्ली की एक अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज एक पुराने मामले में क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद जैन के लिए कानूनी मोर्चे पर एक महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है।

मामला क्या था
यह मामला वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था, जब सत्येंद्र जैन पर आरोप लगा था कि उन्होंने मंत्री रहते हुए अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल कर कुछ कंपनियों को आर्थिक लाभ पहुंचाया। शिकायत में कहा गया था कि जैन ने अपने करीबी सहयोगियों के जरिए कथित तौर पर बेनामी लेनदेन किए और कुछ प्रोजेक्ट्स में अनियमितताएं बरतीं।
इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी अपने स्तर पर की। हालांकि, जांच एजेंसियों को इस मामले में पर्याप्त सबूत नहीं मिले, जिसके बाद पुलिस ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी।
कोर्ट का फैसला
साकेत जिला अदालत ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए कहा कि उपलब्ध साक्ष्य इस मामले में आरोप तय करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। कोर्ट ने माना कि जांच एजेंसी ने सभी पहलुओं की जांच की, लेकिन किसी भी तरह की आपराधिक साजिश, भ्रष्टाचार या आर्थिक गड़बड़ी का पुख्ता प्रमाण नहीं मिल सका।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि महज आरोपों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। कानून के अनुसार, यदि सबूत पर्याप्त नहीं हैं, तो आरोपी को लाभ का अधिकार मिलता है।
सत्येंद्र जैन की प्रतिक्रिया
कोर्ट के फैसले के बाद सत्येंद्र जैन ने कहा, “सच्चाई की जीत हुई है। मैंने हमेशा कहा था कि यह मामला राजनीतिक प्रेरित था और मुझे फंसाने की कोशिश की गई थी। अदालत ने साफ कर दिया है कि मेरे खिलाफ आरोप बेबुनियाद थे।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगाए गए और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया। जैन ने कहा कि वह न्यायपालिका के आभारी हैं, जिन्होंने तथ्यों और सबूतों के आधार पर फैसला दिया।
AAP का बयान
आम आदमी पार्टी ने भी इस फैसले का स्वागत किया। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि यह एक बार फिर साबित करता है कि AAP के नेताओं के खिलाफ लगाए गए कई आरोप राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित होते हैं। प्रवक्ता ने कहा, “बीते वर्षों में हमारे कई नेताओं को झूठे मामलों में फंसाया गया, लेकिन हर बार सच की जीत हुई।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया
वहीं, विपक्षी दलों ने इस मामले में चुप्पी साधे रखी, लेकिन कुछ नेताओं ने यह जरूर कहा कि क्लोजर रिपोर्ट का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति पूरी तरह निर्दोष है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि अदालत के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए।
राजनीतिक असर
सत्येंद्र जैन लंबे समय तक दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य और लोक निर्माण मंत्री रहे हैं। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक अन्य मामले में वह अभी भी न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं, लेकिन इस पुराने मामले में राहत मिलने से उनकी राजनीतिक साख को कुछ हद तक मजबूती मिल सकती है।
AAP के भीतर भी इस फैसले को लेकर उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि पार्टी इसे अपने ‘ईमानदार राजनीति’ के एजेंडे की पुष्टि के रूप में पेश कर रही है।
नतीजा
कोर्ट का यह फैसला सत्येंद्र जैन के लिए एक बड़ी कानूनी जीत है और इससे उन्हें अपने खिलाफ लगाए गए पुराने आरोपों से छुटकारा मिला है। हालांकि, उनके खिलाफ कुछ अन्य मामले अभी भी लंबित हैं, जिनका निपटारा भविष्य में होगा। फिलहाल, यह राहत उन्हें और उनकी पार्टी को राजनीतिक और मानसिक रूप से मजबूती प्रदान करेगी।
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