“‘एक चुटकी सिंदूर…’ रेखा गुप्ता का जया बच्चन पर तंज – जानें क्या है पूरा मामला”

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने ऑपरेशन सिंदूर पर सपा सांसद जया बच्चन पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि जया बच्चन ने कहती हैं सिंदूर नाम क्यों रखा। मैं उनको फिल्मी लाइन में ही जवाब दे देती हूं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन पर तीखा तंज कसा है। यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। रेखा गुप्ता ने जया बच्चन के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम पर सवाल उठाया था।

"‘एक चुटकी सिंदूर…’ रेखा गुप्ता का जया बच्चन पर तंज – जानें क्या है पूरा मामला"
“‘एक चुटकी सिंदूर…’ रेखा गुप्ता का जया बच्चन पर तंज – जानें क्या है पूरा मामला”

विवाद की शुरुआत

दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में एक विशेष अभियान चलाया गया था, जिसका नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा गया। इस अभियान के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण और तस्करी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए एक संयुक्त कार्रवाई की गई।

संसद में इस पर चर्चा के दौरान जया बच्चन ने सवाल उठाया कि इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ क्यों रखा गया। उनका कहना था कि सिंदूर भारतीय समाज में शादीशुदा महिलाओं के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, लेकिन इस नाम का महिलाओं की सुरक्षा या अपराध से निपटने वाले अभियान से क्या संबंध है, यह स्पष्ट नहीं है।

रेखा गुप्ता का पलटवार

जया बच्चन के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए रेखा गुप्ता ने कहा, “एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो… यह हमारे समाज की संस्कृति, आस्था और सम्मान का प्रतीक है। जिस नाम को लेकर सवाल उठाया जा रहा है, वह भारतीय नारी की मर्यादा और गौरव से जुड़ा हुआ है।”

उन्होंने आगे कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम रखने का उद्देश्य महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। यह केवल अपराध से निपटने का नहीं, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने का भी प्रयास है।

सांस्कृतिक और राजनीतिक संदेश

रेखा गुप्ता ने अपने बयान में यह भी कहा कि सिंदूर सिर्फ एक सजावटी तत्व नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा में इसका गहरा महत्व है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “शायद जया बच्चन जैसी हस्तियों को यह समझना चाहिए कि सिंदूर भारतीय संस्कृति में कितनी गहरी पहचान रखता है। जब हम महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की बात करते हैं, तो यह प्रतीक हमें शक्ति और गरिमा की याद दिलाता है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष मुद्दों को समझने के बजाय नामों पर राजनीति कर रहा है। गुप्ता के मुताबिक, अभियान का नाम चाहे कुछ भी हो, असल मकसद महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाना है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

जया बच्चन के साथ-साथ अन्य विपक्षी नेताओं ने भी नाम को लेकर आपत्ति जताई। उनका कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे को सांस्कृतिक प्रतीकों के जरिए प्रचारित करने की बजाय ठोस नीतियों और कड़े कानूनों पर जोर देना चाहिए।

एक विपक्षी नेता ने कहा, “महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए सख्त कानून, पुलिस सुधार और तेज़ न्याय प्रणाली की जरूरत है, न कि ऐसे नामों की जो केवल भावनात्मक अपील करते हों।”

जनता की राय

सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग रेखा गुप्ता के समर्थन में हैं और मानते हैं कि सिंदूर का नाम सम्मान और सुरक्षा का संदेश देता है। वहीं, कुछ का मानना है कि नाम से ज्यादा जरूरी है कि अभियान का असर जमीन पर दिखे।

ट्विटर (X) और फेसबुक पर हैशटैग #OperationSindoor ट्रेंड करने लगा, जहां यूज़र्स ने मीम्स, कमेंट्स और अपने विचार साझा किए।

निष्कर्ष

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर शुरू हुई यह बहस अब सिर्फ नाम के मायने तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा और सांस्कृतिक प्रतीकों के इस्तेमाल पर भी एक बड़ा राजनीतिक विमर्श बन गई है। रेखा गुप्ता और जया बच्चन के बीच यह जुबानी जंग आने वाले दिनों में और तेज़ हो सकती है, क्योंकि दोनों ही पक्ष अपने-अपने तर्क और विचारों के साथ डटे हुए हैं। फिलहाल, इस पूरे विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि महिलाओं की सुरक्षा पर बहस में प्राथमिकता असल काम को दी जानी चाहिए या उसके प्रतीकों को।

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