चलती रोडवेज बस पर टूटा मौत का साया, पेड़ गिरने से ड्राइवर समेत 5 की मौत !

रोडवेज बस पर पेड़ गिरते ही चीख-पुकार मच गई। यात्रियों ने खिड़की से कूद कर अपनी जान बचाई है। इस हादसे में ड्राइवर की मौत हो गई। साथ ही 4 महिलाओं की भी जान गई है।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में शुक्रवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें रोडवेज बस पर अचानक भारी-भरकम पेड़ गिर गया। हादसा इतना भीषण था कि बस चालक समेत चार महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दर्जनों यात्री घायल हो गए। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ राहगीर भी जुट गए।

चलती रोडवेज बस पर टूटा मौत का साया, पेड़ गिरने से ड्राइवर समेत 5 की मौत !
चलती रोडवेज बस पर टूटा मौत का साया, पेड़ गिरने से ड्राइवर समेत 5 की मौत !

हादसे का विवरण

हादसे का विवरण
हादसे का विवरण

यह घटना बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ मार्ग पर उस समय हुई जब एक रोडवेज बस यात्रियों को लेकर लखनऊ की ओर जा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक तेज आंधी और बारिश शुरू हुई और तभी सड़क किनारे खड़ा एक पुराना और कमजोर पेड़ चलती बस पर गिर पड़ा। पेड़ का आकार इतना बड़ा था कि उसने बस की छत पूरी तरह तोड़ दी और सामने की सीटों पर बैठे यात्रियों को कुचल दिया।

हादसे में बस चालक की मौके पर ही मौत हो गई। उसके साथ ही बस में सवार चार महिला यात्रियों ने भी घटनास्थल पर दम तोड़ दिया। बस के भीतर का दृश्य इतना भयावह था कि कई लोग खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाते नजर आए।

मृतकों की पहचान

प्रशासन ने अब तक जिन शवों की पहचान की है, उनके नाम और पते की पुष्टि की जा रही है। मृतकों में बस ड्राइवर के अलावा चार महिलाएं शामिल हैं, जो पास के गांवों से शहर की ओर किसी पारिवारिक कार्य के लिए जा रही थीं।
स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया है और आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

घायलों का हाल

इस दर्दनाक हादसे में 15 से अधिक यात्री घायल हुए हैं, जिनमें से 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को पहले जिला अस्पताल लाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल यात्रियों को लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया है।

रेस्क्यू ऑपरेशन

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जेसीबी और क्रेन की मदद से पेड़ को हटाया गया और बस के भीतर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला गया। रेस्क्यू ऑपरेशन करीब दो घंटे तक चला। स्थानीय लोग भी घटनास्थल पर पहुंचे और प्रशासन की मदद की।

बाराबंकी के जिलाधिकारी ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने जांच के आदेश भी दे दिए हैं और कहा कि यदि किसी विभागीय लापरवाही की बात सामने आती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की ओर से घोषणा

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है। वहीं गंभीर रूप से घायल लोगों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। परिवहन विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि बसों के रूटों की सुरक्षा जांच की जाए और इस प्रकार के पुराने पेड़ों की छंटाई की जाए जो सड़क किनारे खतरा बने हुए हैं।

सवालों के घेरे में प्रशासन

इस घटना ने प्रशासन और वन विभाग की लापरवाही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस पेड़ के गिरने से यह हादसा हुआ, वह काफी पुराना और जर्जर था, जिसकी शिकायत पहले भी की जा चुकी थी। लेकिन समय रहते उसे हटाया नहीं गया। अब जब जानें जा चुकी हैं, तब प्रशासन हरकत में आया है।

निष्कर्ष

यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि सड़क सुरक्षा केवल यातायात नियमों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें सड़क किनारे मौजूद संरचनाओं और पेड़ों की नियमित जांच भी शामिल होनी चाहिए। यदि समय रहते उस पेड़ को हटा दिया गया होता, तो शायद आज कई जिंदगियां बच सकती थीं। अब ज़रूरत है कि प्रशासन इस हादसे से सबक लेकर त्वरित कार्रवाई करे और भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।

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