“सीएम योगी के जनता दरबार में जहरखोरी की घटना, शख्स को तुरंत अस्पताल भेजा गया”

सीएम योगी के जनता दरबार में उस समय हड़कंप मच गया जब गाजियाबाद का एक शख्स वहां जहर खाकर पहुंच गया। आनन फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब गाजियाबाद से आए एक शख्स ने जहर खाकर अपनी समस्या लेकर पहुंचने की कोशिश की। जानकारी के मुताबिक युवक ने कुछ देर पहले ही जहरीला पदार्थ खाया था और उसी हालत में जनता दरबार पहुंच गया। सुरक्षा कर्मियों और अधिकारियों ने जब उसकी हालत बिगड़ती देखी तो तुरंत चिकित्सा टीम को बुलाया और आनन-फानन में उसे अस्पताल भिजवाया गया। फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन इस घटना ने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।

जनता दरबार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वह विशेष कार्यक्रम है, जिसमें प्रदेशभर से लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं और सीधे मुख्यमंत्री से शिकायत दर्ज कराते हैं। रोजाना बड़ी संख्या में फरियादी यहां आते हैं। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होती है, लेकिन इसके बावजूद गाजियाबाद निवासी इस व्यक्ति का जहरीला पदार्थ खाकर पहुंचना सबके लिए चिंता का विषय बन गया।

"सीएम योगी के जनता दरबार में जहरखोरी की घटना, शख्स को तुरंत अस्पताल भेजा गया"
“सीएम योगी के जनता दरबार में जहरखोरी की घटना, शख्स को तुरंत अस्पताल भेजा गया”

सूत्रों के अनुसार, उक्त शख्स का नाम अभी आधिकारिक रूप से उजागर नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि उसकी किसी निजी विवाद या समस्या को लेकर लंबे समय से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लग रहे थे। लगातार निराशा हाथ लगने के बाद उसने यह चरम कदम उठाने की कोशिश की। हालांकि उसकी मंशा आत्महत्या करना थी या केवल ध्यान आकर्षित करना, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की छानबीन कर रहे हैं।

घटना के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने तुरंत संज्ञान लिया। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि फरियादी की समस्या का समाधान प्राथमिकता से किया जाए। साथ ही, सुरक्षा एजेंसियों को यह जांचने के आदेश मिले हैं कि आखिर कैसे कोई व्यक्ति जहरीला पदार्थ खाकर जनता दरबार तक पहुंच सका। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि जनता दरबार जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए है, लेकिन अगर इस तरह की घटनाएं होती हैं तो इससे लोगों की भावनाओं और कार्यक्रम की गंभीरता पर असर पड़ता है।

अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, शख्स को भर्ती कर उसका इलाज शुरू कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उसने जहरीला पदार्थ अल्प मात्रा में लिया था, जिसकी वजह से समय रहते इलाज मिलने पर उसकी जान बच गई। चिकित्सकों की टीम लगातार उसकी स्थिति पर नजर रखे हुए है। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने उसके परिजनों को सूचित कर दिया है और उनसे पूछताछ भी शुरू कर दी है ताकि घटना के पीछे के वास्तविक कारण सामने आ सकें।

इस घटना के बाद जनता दरबार की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। जहां एक तरफ अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है, वहीं दूसरी तरफ इस तरह की घटना यह संकेत देती है कि चेकिंग में कहीं न कहीं ढिलाई रह गई थी। हालांकि सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि शख्स ने जहर पहले ही खा लिया था और वह सामान्य दिख रहा था, इसलिए शक की कोई वजह नजर नहीं आई।

जनता दरबार में आए अन्य फरियादियों में भी इस घटना के बाद हड़कंप मच गया। कई लोगों ने कहा कि वे अपनी समस्याओं को लेकर आए थे, लेकिन इस तरह की घटना ने सबको डरा दिया। हालांकि कुछ लोगों ने यह भी कहा कि ऐसे कदम उठाने के बजाय समस्याओं का समाधान कानून और प्रशासनिक प्रक्रिया के जरिए ही करना चाहिए।

फिलहाल पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और इस बात का पता लगाने की कोशिश में है कि आखिर उस शख्स को इतनी बड़ी हताशा किस वजह से हुई। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि उसके मामले को गंभीरता से देखा जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या जनता को अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए ऐसे कठोर कदम उठाने पड़ रहे हैं? सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया को और सरल और पारदर्शी बनाया जाए, ताकि लोगों को निराशा के बजाय विश्वास मिले।

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