राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार के अलग-अलग जिलों में रोड शो कर रहे हैं। अब अखिलेश यादव भी बिहार की वोटर अधिकार यात्रा में शामिल हो गए हैं। तीनों ही नेता एक साथ संयुक्त रोड शो किया।
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाने की कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में बिहार में निकाली जा रही ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए। तीनों नेताओं का एक साथ मंच साझा करना विपक्षी खेमे में नई ऊर्जा का संचार करता दिखा। यात्रा के दौरान मंच पर जब राहुल, तेजस्वी और अखिलेश एक साथ नजर आए तो भीड़ ने जोरदार उत्साह दिखाया और नारेबाजी से पूरा माहौल गूंज उठा।

विपक्षी एकता का प्रदर्शन
राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा कि वोटर अधिकार यात्रा का मकसद लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लगातार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है और जनता की आवाज दबाने का काम कर रही है। राहुल ने कहा, “देश की असली ताकत जनता के अधिकार हैं और हम उन्हें किसी भी हाल में छीने जाने नहीं देंगे।”
तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार की धरती हमेशा लोकतंत्र की रक्षा की गवाह रही है। उन्होंने कहा कि आज समय आ गया है कि विपक्ष एकजुट होकर भाजपा सरकार की नीतियों का मुकाबला करे। तेजस्वी ने युवाओं और किसानों की समस्याओं पर जोर देते हुए कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ वादों के सहारे राजनीति कर रही है, जबकि रोजगार, शिक्षा और महंगाई जैसे असली मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने भी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश से लेकर पूरे देश तक जनता को सिर्फ ठगा है। अखिलेश ने कहा, “आज आम आदमी महंगाई से त्रस्त है, नौजवान बेरोजगार हैं और किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। ऐसे में विपक्ष का यह कर्तव्य है कि वह जनता की आवाज बने और उनके अधिकारों की रक्षा करे।”

तिकड़ी का मंच पर हाई जोश

तीनों नेताओं का एक साथ मंच पर होना विपक्षी एकजुटता का बड़ा संदेश माना जा रहा है। मंच पर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव ने हाथ उठाकर जनता का अभिवादन किया तो लोगों ने ‘इंडिया गठबंधन जिंदाबाद’ और ‘भाजपा हटाओ-देश बचाओ’ जैसे नारे लगाए। विपक्षी तिकड़ी ने जनता को भरोसा दिलाया कि आने वाले चुनाव में अगर उन्हें समर्थन मिला तो वे मिलकर जनहित की सरकार बनाएंगे।
भाजपा पर हमला और चुनावी संदेश
विपक्षी नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने सिर्फ वादे किए हैं, लेकिन धरातल पर कोई ठोस काम नहीं हुआ है। राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने छोटे व्यापारियों को तबाह कर दिया, जबकि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। अखिलेश यादव ने यूपी के हालात गिनाए और कहा कि भाजपा सरकार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर है। वहीं तेजस्वी यादव ने रोजगार के मुद्दे पर भाजपा को घेरा और कहा कि लाखों युवा नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं।
जनता की बड़ी मौजूदगी
वोटर अधिकार यात्रा में हजारों लोगों की मौजूदगी ने यह दिखा दिया कि विपक्षी दलों की तिकड़ी जनता के बीच असर डाल रही है। सभा स्थल पर भीड़ के उत्साह ने नेताओं को और आक्रामक बनाया। महिलाओं और युवाओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी इस बात का संकेत थी कि विपक्ष अपनी पैठ बनाने में कामयाब हो रहा है।
राजनीतिक मायने
विशेषज्ञ मानते हैं कि राहुल-तेजस्वी-अखिलेश की यह तिकड़ी भाजपा के लिए चुनौती बन सकती है। तीनों दल अगर चुनावी स्तर पर तालमेल करते हैं तो उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों में भाजपा की राह मुश्किल हो सकती है। यह तस्वीर विपक्षी एकता का एक मजबूत संदेश है, जो आने वाले दिनों में चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।
फिलहाल, वोटर अधिकार यात्रा ने विपक्षी खेमे में जोश भर दिया है और राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। तीनों नेताओं की जुगलबंदी को देखकर साफ है कि विपक्ष अब भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के मूड में है।
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