“बीएसपी में सियासी हलचल: आकाश आनंद के ससुर ने मायावती से जताया खेद”

आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ ने बसपा प्रमुख से माफी मांग ली है। अशोक सिद्धार्थ ने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए मायावती से माफी मांगी है। इसके साथ ही उन्होंने मायावती से खुद को पार्टी में वापस लेने का आग्रह भी किया है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भीतर हाल के दिनों में चल रही हलचल के बीच एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद के ससुर और पार्टी के पूर्व नेता अशोक सिद्धार्थ ने सार्वजनिक रूप से मायावती से माफी मांग ली है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए न केवल अपनी गलती स्वीकार की बल्कि यह भी कहा कि आगे से ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि अब वे किसी के लिए सिफारिश भी नहीं करेंगे।

"बीएसपी में सियासी हलचल: आकाश आनंद के ससुर ने मायावती से जताया खेद"
“बीएसपी में सियासी हलचल: आकाश आनंद के ससुर ने मायावती से जताया खेद”

मायावती ने किया था निष्कासित

गौरतलब है कि पिछले दिनों मायावती ने अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया था। उस समय पार्टी नेतृत्व ने उनके खिलाफ कार्रवाई को अनुशासनात्मक बताते हुए कहा था कि उनके आचरण से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा था। इस निष्कासन ने बसपा खेमे में हलचल पैदा कर दी थी और राजनीतिक हलकों में इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं।

माफीनामा जारी

अशोक सिद्धार्थ ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मैं हाथ जोड़कर मायावती जी से अनुरोध करता हूं कि वे मुझे माफ कर दें। मुझसे जो भी गलती हुई है, उसके लिए मैं खेद प्रकट करता हूं। आगे से कभी भी ऐसी गलती नहीं करूंगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे अब किसी भी कार्यकर्ता या नेता के लिए सिफारिश नहीं करेंगे और पूरी निष्ठा से पार्टी के सिद्धांतों पर चलेंगे।

माफीनामा जारी
माफीनामा जारी

वापसी की इच्छा

अपने संदेश के अंत में अशोक सिद्धार्थ ने मायावती से पार्टी में वापस लेने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि वे अपने पूरे अनुभव और समर्पण के साथ बहुजन समाज पार्टी की मजबूती के लिए काम करना चाहते हैं। उनके इस माफीनामे को पार्टी में वापसी की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

बसपा के लिए मायने

अशोक सिद्धार्थ बसपा के एक पुराने और महत्वपूर्ण चेहरे रहे हैं। वे कई बार पार्टी में अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। आकाश आनंद से पारिवारिक रिश्ते के चलते वे और भी ज्यादा सुर्खियों में रहे। ऐसे में उनका पार्टी से निष्कासन और अब माफी मांगना, दोनों ही घटनाएं बसपा की आंतरिक राजनीति को गहराई से प्रभावित कर रही हैं।

राजनीतिक हलचल

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अशोक सिद्धार्थ का यह कदम पार्टी में सुलह-सफाई की दिशा में संकेत हो सकता है। बसपा इस समय उत्तर प्रदेश की राजनीति में खुद को मज़बूत करने की कोशिश कर रही है। ऐसे में वरिष्ठ नेताओं और पुराने कार्यकर्ताओं का साथ पार्टी के लिए अहम है। अगर मायावती उन्हें माफ कर वापस लेती हैं तो यह बसपा के लिए सकारात्मक संदेश हो सकता है।

आकाश आनंद पर भी रहे हैं चर्चे

आकाश आनंद पर भी रहे हैं चर्चे
आकाश आनंद पर भी रहे हैं चर्चे

आकाश आनंद, जो मायावती के भतीजे और बसपा के राष्ट्रीय संयोजक हैं, हाल ही में पार्टी के भीतर शक्ति संतुलन का केंद्र बने। उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को लेकर उठे विवाद ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया था। लेकिन अब माफी मांगकर उन्होंने माहौल को शांत करने की कोशिश की है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

अशोक सिद्धार्थ की इस पोस्ट पर बसपा समर्थकों और विरोधियों, दोनों की ओर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे विनम्रता और अनुशासन का उदाहरण बता रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक मजबूरी मान रहे हैं। कई कार्यकर्ताओं ने मायावती से अपील की है कि वे उन्हें वापस लेकर बसपा को और मज़बूत करें।

आगे की राह

अब सबकी निगाहें मायावती पर टिकी हैं कि वे अशोक सिद्धार्थ की इस सार्वजनिक माफी को स्वीकार करती हैं या नहीं। यदि वे उन्हें पार्टी में वापस ले लेती हैं, तो यह बसपा के भीतर एकता का संकेत होगा। वहीं, अगर उनकी वापसी नहीं होती है, तो यह संदेश जाएगा कि मायावती अनुशासन पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहतीं।

निष्कर्ष

अशोक सिद्धार्थ का मायावती से सार्वजनिक माफीनामा बसपा की राजनीति में नया मोड़ लेकर आया है। यह घटना न केवल आंतरिक राजनीति को प्रभावित करेगी बल्कि बाहरी राजनीतिक संदेश भी देगी। अब देखना होगा कि मायावती इस माफीनामे पर क्या फैसला लेती हैं और बसपा की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।

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