वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025 में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी। उन्होंने न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की सालाना आय को टैक्स फ्री कर दिया। अब सरकार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में सुधार करने वाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि जीएसटी दरों की समीक्षा का काम लगभग पूरा हो चुका है और परिषद जल्द ही स्लैब की संख्या और दरों में कमी पर फैसला लेगी।
तीन साल पहले शुरू हुआ था दरों को सरल बनाने का काम
वित्त मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा, जीएसटी दरों को युक्तिसंगत और सरल बनाने का काम करीब तीन साल पहले ही शुरू हुआ था। बाद में इसका दायरा बढ़ाया गया और यह काम पूरा हो चुका है। उन्होंने परिषद में शामिल मंत्रियों से कहा, वे दरों पर गहराई से विचार करें, क्योंकि यह मुद्दा आम लोगों की जरूरतों से जुड़ा है। मेरे लिए महत्वपूर्ण है कि हम अवसर न खोएं। हम स्लैब घटाने के साथ दरों में कटौती भी चाहते थे। इसलिए इस दिशा में काम होना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि जीएसटी परिषद जल्द फैसला करेगी।
जीएसटी का अभी कैसा है स्वरूप?
अभी जीएसटी एक चार स्तरीय टैक्स स्लैब है। इसमें पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की स्लैब है। विलासिता से जुड़ी वस्तुओं पर 28 प्रतिशत का उच्चतम कर लगाया जाता है। वहीं, पैक किए गए खाद्य पदार्थ और आवश्यक वस्तुएं सबसे कम पांच प्रतिशत की स्लैब में हैं। सीतारमण की अध्यक्षता वाली परिषद ने जीएसटी दरों में बदलाव के साथ-साथ स्लैब को कम करने का सुझाव देने के लिए मंत्रियों का एक समूह (जीओएम) गठित किया था।निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और कोई संरचनात्मक मंदी नहीं है। सीतारमण ने कहा कि बजट में कर राहत प्रधानमंत्री की करदाताओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने उन अटकलों का खंडन किया कि यह कदम दिल्ली विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुरानी कर व्यवस्था को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।