सीएम आवास पर योगी कैबिनेट की बैठक , 11 प्रस्तावों को पर लगी मुहर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को स्थित सीएम आवास में यूपी कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की , बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई जिनमें गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने, आबकारी नीति में संशोधन और औद्योगिक विभाग से जुड़े प्रस्ताव शामिल हैं। इसके अलावा, सीएम योगी मंत्रियों के साथ एक अलग बैठक करेंगे और विभागों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। बजट सत्र और माध्यमिक, उच्च शिक्षा से जुड़े प्रस्ताव भी बैठक में रखे जाएंगे। कैबिनेट मीटिंग में परिवहन, पर्यटन, मेडिकल एजुकेशन विभाग के दो-दो प्रस्ताव, गृह, आबकारी, दुग्ध, आवास, बेसिक और संसदीय विभाग के एक-एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. यूपी कैबिनेट की प्रेस ब्रीफिंग गुरुवार को होगी. सुबह 10:15 बजे लोकभवन मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट मीटिंग के फैसलों की विस्तार से जानकारी दी जाएगी.

यूपी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में नई शराब नीति को लागू किया है, वर्ष 2025-26 के लिए लागू होगी यूपी में विधानमंडल सत्र 18 फरवरी से शुरू होगा ।

आबकारी नीति में होगा बदलाव
लखनऊ में हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति में कुछ अहम बदलाव किए गए. नए बदलावों के तहत अब शराब की दुकानों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा. पहले दुकानों का कोटा उठाने की शर्तों के साथ नवीनीकरण किया जाता था, लेकिन अब इसकी जगह ई-लाटरी के माध्यम से दुकानों का आवंटन किया जाएगा.
ई-लाटरी से दुकान होगी आवंटित
यूपी में इस बार , सभी जिलों में शराब की दुकानों का आवंटन ई-लाटरी के माध्यम से किया जाएगा. एक आवेदक को एक ही दुकान दी जाएगी और प्रदेश में एक व्यक्ति को दो से ज्यादा दुकानें नहीं मिल सकेंगी. ई-लाटरी की प्रक्रिया में कोई निजी एजेंसी को शामिल नहीं किया जाएगा, बल्कि यह काम जिलों में एनआईसी द्वारा किया जाएगा। आवेदन के समय जमा की जाने वाली फीस नान-रिफंडेबल भी होगी.

UP Cabinet में 11 प्रस्तावों पर लगी मुहर
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 की आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत, यूपी आबकारी विभाग की दुकानें लॉटरी सिस्टम के जरिए आवंटित की जाएंगी। इस नीति के तहत, उत्तर प्रदेश में अंग्रेजी शराब की दुकान, बीयर शॉप और अन्य वाइन शॉप का आवंटन लॉटरी सिस्टम के जरिए किया जाएगा। यह फैसला आबकारी विभाग की नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लिया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब कारोबारियों के लिए नई आबकारी नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। यूपी में शराब की दुकानों के मालिक लंबे समय से लाइसेंस नवीनीकरण की मांग कर रहे थे। हालांकि, लॉटरी सिस्टम से शराब के दाम बढ़ेंगे या नहीं, यह अभी तय नहीं है।
उत्तर प्रदेश की आबकारी नीति आमतौर पर दिसंबर या जनवरी में स्वीकृत होती रही है, लेकिन इस बार महाकुंभ मेला और मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की आचारसंहिता के कारण इसमें देरी हुई। सरकार किसी जल्दबाजी में दुकानों की लाइसेंस प्रक्रिया को हरी झंडी नहीं दिखाना चाहती थी। यूपी में शराब की बिक्री का राजस्व करीब 50 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष में 47 हजार 600 करोड़ रुपये था। यह राजस्व में 4500 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी है