काश पटेल बने FBI प्रमुख,भगवद गीता पर हाथ रखकर ली शपथ !

भारतीय-अमेरिकी काश पटेल ने शुक्रवार को अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के नए निदेशक के रूप में शपथ ली. अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने उन्हें शपथ दिलाई. पटेल ने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली और इसे अपने जीवन का ‘सबसे बड़ा सम्मान’ बताया.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक माने जाने वाले काश पटेल ने आइजनहावर एग्जीक्यूटिव ऑफिस बिल्डिंग के इंडियन ट्रीटी रूम में आयोजित समारोह में अपने पद की शपथ ली. उन्होंने अपने सांस्कृतिक मूल्यों पर जोर देते हुए कहा कि वह अमेरिका को सभी खतरों से बचाने के लिए समर्पित रहेंगे ,

सीनेट से कड़े विरोध के बीच मिली मंजूरी
काश पटेल की नियुक्ति को लेकर अमेरिकी सीनेट में जबरदस्त बहस हुई थी. रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत वाली सीनेट ने 49 बनाम 51 वोटों से उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी. दो मध्यमार्गी रिपब्लिकन सांसद सुसान कॉलिन्स (मेयन) और लिसा मर्कोव्स्की (अलास्का) ने डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर उनके खिलाफ वोट दिया |

कौन हैं काश पटेल?
44 साल के काश पटेल का जन्म 25 फरवरी 1980 को न्यूयॉर्क में हुआ था. उनके माता-पिता मूल रूप से गुजरात के आनंद जिले के भद्रण गांव के रहने वाले थे, लेकिन वे 70-80 साल पहले पूर्वी अफ्रीका के युगांडा चले गए थे. फिर वहां से वे अमेरिका आ गए थे.

काश पटेल ने कानून की पढ़ाई की है और ट्रंप प्रशासन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. वह राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय और रक्षा विभाग में भी सेवाएं दे चुके हैं. उन्होंने न्याय विभाग में आतंकवाद निरोधक अभियोजक और संघीय रक्षक के रूप में भी काम किया है.

पटेल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप और रूस के कथित संबंधों की जांच के दौरान चर्चा में आए. उस समय उन्होंने हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के सदस्य के रूप में एफबीआई की जांच की कड़ी आलोचना की थी. इसके बाद वह ट्रंप प्रशासन में शामिल हुए और रक्षा मंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य किया.

गुजरात के गांव से अमेरिका तक का सफर
काश पटेल के पूर्वज गुजरात के आनंद जिले के भद्रण गांव से थे. उनके अनुसार, उनका परिवार 70-80 साल पहले युगांडा चला गया था और बाद में वहां से अमेरिका पहुंचा. आनंद जिले के भाजपा अध्यक्ष राजेश पटेल के अनुसार, उनके परिवार की 18 पीढ़ियों का नाम पटेल समुदाय की वंशावली (परिवार वृक्ष) में दर्ज है, लेकिन काश पटेल का नाम अभी तक उसमें जोड़ा नहीं गया है.

राजेश पटेल ने बताया, ‘भद्रण गांव के मोती खडकी इलाके में उनका परिवार रहता था, लेकिन उन्होंने अपनी संपत्ति बेच दी और सभी रिश्तेदार अमेरिका में बस गए.’ भगवान शिव के भक्त हैं काश पटेलकाश पटेल के मामा ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि वह भगवान शिव, हनुमान और गणेश के बड़े भक्त हैं. उनके वॉशिंगटन डीसी स्थित अपार्टमेंट में उनके लिए विशेष पूजा स्थल भी बनाया गया है. उनके मामा के अनुसार, “काश अमेरिका में ‘काश’ नाम से मशहूर हैं, लेकिन हमारे परिवार में वह कश्यप के नाम से जाने जाते हैं.”