दिल्ली की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की उच्चस्तरीय बैठक….

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसमें दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, गृह मंत्री आशीष सूद, पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, अंतरराज्यीय गिरोहों पर नियंत्रण, पुलिस सुधार और महिला-बाल सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया। दिल्ली में 25 नई सुरक्षा समितियां गठित की जाएंगी। इसके अलावा, न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी लाने और मानसून एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए। गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली की डबल इंजन सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अपेक्षाओं के अनुरूप विकसित दिल्ली – सुरक्षित दिल्ली के लिए दुगुनी गति से काम करेगी।

बैठक में खासतौर पर दिल्ली में उभरते सुरक्षा खतरों और अपराध नियंत्रण पर चर्चा हुई। अमित शाह ने पहले भी राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की स्थिति को देखते हुए कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाना बेहद जरूरी है। वहीं दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने पर चर्चा की।

इससे पहले, 18 फरवरी को अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की कानून-व्यवस्था को लेकर एक अहम बैठक की थी। इस बैठक में केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुए थे। बैठक में शाह ने “ट्रायल इन एब्सेंटिया” (गैर-मौजूद अभियुक्तों पर मुकदमा चलाने) के प्रावधानों को लागू करने और नए आपराधिक कानूनों को अप्रैल 2025 तक पूरी तरह लागू करने पर जोर दिया।

इन नए कानूनों में तीन मुख्य अधिनियम शामिल हैं

1. भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023- यह Indian Penal Code (IPC) की जगह लेगा। 2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 यह Criminal Procedure Code (CrPC) की जगह लेगा। 3. भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA), 2023 -यह Indian Evidence Act की जगह लागू होगा।

अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिया कि इन नए कानूनों के क्रियान्वयन की मासिक, पाक्षिक (15 दिन की) और साप्ताहिक समीक्षा मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के स्तर पर की जाए। उन्होंने कहा कि तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए ताकि अपराधों पर तेजी से कार्रवाई हो सके और न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।