18 को पंजाब आएंगे केजरीवाल: दिल्ली हार के बाद पहली सियासी एंट्री ?

दिल्ली के पूर्व सीएम व आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल 18 मार्च को लुधियाना आ रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद वह पहली बार सियासी दौर पर पंजाब आ रहे हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पहली बार पंजाब में सियासी एंट्री करेंगे। यूं तो केजरीवाल कई बार पंजाब लोकसभा चुनाव, उपचुनाव और निकाय चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार कर चुके हैं, लेकिन दिल्ली की हार के बाद वह पहली बार पंजाब में पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। वह लुधियाना पश्चिमी सीट पर अपने प्रत्याशी संजीव अरोड़ा के लिए लोगों को संबोधित करते नजर आएंगे।

केजरीवाल 18 मार्च को लुधियाना आ रहे हैं। वह स्वास्थ्य क्षेत्र से कुछ सेवाओं को जनता का समर्पित करेंगे। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि विपश्यना तो केजरीवाल का एक बहाना है, असल में वह लुधियाना पश्चिमी सीट पर उपचुनाव के बहाने प्रदेश की सियासत में एंट्री लेंगे। बाजवा ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव हारने के बाद उनके पास पंजाब को छोड़ और कोई विकल्प नहीं है।

आप दिल्ली के नेता पहुंच चुके हैं पंजाब
दिल्ली हार के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येंद्र चौहान और केजरीवाल के अन्य सलाहकारों ने पहले ही पंजाब का दौरा बढ़ा दिया है। बीते दिनों दिल्ली से आए आप नेताओं ने प्रदेश के स्कूल, स्वास्थ्य और यहां तक की कई नीतियों के निर्माण को लेकर बैठक के हिस्सा भी बने। आप दिल्ली नेताओं का लगातार पंजाब दौरा विपक्षी दलों के निशाने पर है। यही कारण है कि अब भाजपा ने भी अपने कद्दावर दिल्ली कैबिनेट मंत्री और प्रमुख सिख चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा का पंजाब दौरा बढ़ा दिया है।

पंजाब से राज्यसभा जाने का प्रयास करेंगे केजरीवाल
केजरीवाल के विपश्यना में जाते ही दिल्ली के कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब की धरती पर कदम रखा और राजधानी चंडीगढ़ में केजरीवाल और आप पर जमकर निशाना साधा था। सिरसा ने तब कहा था कि आने वाले दिनों में वह पंजाब से राज्यसभा जाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। ऐसे में लुधियाना में आना इसी ओर संकेत देता नजर आ रहा है।

2027 का चुनाव जीतना आप के लिए संजीवनी
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को यह बखूबी पता चल गया है कि 2027 में पंजाब विधानसभा चुनाव उनके लिए जीतना बेहद ही जरूरी है। पंजाब में दूसरी बार सरकार बनाकर ही वह दिल्ली के चुनावी जंग में दोबारा ताल ठोक सकते हैं। इस समय हर मायने में पंजाब ही आप के लिए संजीवनी का काम कर रही है। यही कारण है कि भाजपा, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल भी आप को कुर्सी से उतारने के लिए सियासी जोर लगाने में जुटे हैं।