स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम स्वस्थ शुरुआत आशापूर्ण भविष्य है।
हर साल 7 अप्रैल को पूरी दुनिया में वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने और स्वास्थ्य सेवाओं की अहमियत को समझाने के लिए समर्पित होता है। आज के दौर में, जब जीवनशैली से जुड़ी बीमारिया और मानसिक तनाव तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में वर्ल्ड हेल्थ डे का महत्व और भी जायदा हो गया है।
वर्ल्ड हेल्थ डे का महत्व

वर्ल्ड हेल्थ डे का सबसे मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य की अहमियत समझाना और उन्हें बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करना है। वैश्विक स्तर पर यह दिन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर सरकारों और संगठनों का ध्यान आकर्षित करने का माध्यम बनता है। जब दुनिया के हर कोने में एक ही दिन स्वास्थ्य पर चर्चा होती है, तो यह एक तरह से वैश्विक एकता और सहयोग का प्रतीक बन जाता है।
आधुनिक जीवन में जब खानपान और जीवनशैली से जुड़ी बीमारी बाद रही है तब हर साल WHO एक विशेष थीम तय करता है, जैसे कि “मानसिक स्वास्थ्य”, “डायबिटीज”, “सभी के लिए स्वास्थ्य” आदि। इस थीम के आधार पर ही जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। ताकि भविष्य में आने वाली बीमारियों से बचा जा सके।
हेल्थी रहने के लिए अपनाए ये कुछ आदते !
अच्छी डाइट लें

आपकी डाइट जितनी अच्छी होगी, आपका शरीर उतना ही बीमारियों से दूर रहेगा। घर का बना, हेल्दी खाना खाएं। अपनी डाइट में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं। ताजा, पौष्टिक और कम वसा यानी फैट वाला खाना खाएं। फल, हरी सब्जियां और साबुत अनाज ज्यादा खाएं। जंक फूड और फास्ट फूड कम खाएं। अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें। इसके लिए अपनी डाइट में चिया सीड्स, अखरोट और अलसी के बीज शामिल करें।
नियमित व्यायाम करें

हर उम्र में खुद को एक्टिव और स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो अपने लाइफस्टाइल में व्यायाम को जरूर शामिल करें। नियमित व्यायाम करने से हमारा ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे हार्ट की हेल्थ अच्छी होती है और वजन कंट्रोल में रहता है। जिससे बीमारियां शरीर के आसपास भी नहीं भटक पाती।
तनाव कम लें
कम सोना और ज्यादा तनाव लेना आपको कम उम्र में ही कई बीमारियां दे सकता है। आप जितना कम तनाव लेंगे, आपकी नींद उतनी ही अच्छी होगी। जब आप अच्छी नींद लेंगे, तो आपका शरीर और दिमाग दोनों एक्टिव रहेंगे।
खूब पानी पिएं

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिन को बाहर निकालना और शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है। इसलिए दिन भर में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं, जितना ज्यादा पानी पिएंगे आपकी सेहत उतनी ही बेहतर होगी। सुबह उठने के बाद खाली पेट पानी पिएं, व्यायाम से पहले और बाद में खूब पानी पिएं।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर पीएम मोदी ने मोटापे को लेकर जताई चिंता

साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर मोटापे को लेकर चिंता जताई। इस दौरान उन्होंने देशवासियों से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और मोटापे से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत फिटनेस को प्राथमिकता देना भारत के विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य में अहम योगदान करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, आइए हम एक स्वस्थ विश्व के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें। हमारी सरकार स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करती रहेगी और लोगों की भलाई के विभिन्न पहलुओं में निवेश करती रहेगी। अच्छा स्वास्थ्य हर समृद्ध समाज की नींव है।
पीएम मोदी ने स्वस्थ जिवनशैली के महत्व पर दिया जोर
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के एक एपिसोड में, प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक खेल क्षेत्र में भारत की प्रगति की सराहना की और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अपने संबोधन में एक गंभीर स्वास्थ्य प्रवृत्ति का जिक्र किया था, जिसमें डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के आधार पर भारत में मोटापे के बढ़ते मामलों को रेखांकित किया था। उन्होंने कहा, “भारत में हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से प्रभावित है। हाल के वर्षों में इसका प्रचलन दोगुना हो गया है और बचपन में मोटापा चार गुना बढ़ चुका है।”
पीएम मोदी ने पुरानी कहावत याद दिलाई
एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने सदियों पुरानी कहावत, “आरोग्यम् परमम् भाग्यम्! अर्थात स्वास्थ्य ही परम सौभाग्य और परम धन है” को याद दिलाया और भारत में बढ़ते मोटापे के संकट पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, आजकल हमारी जीवनशैली हमारे स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बनती जा रही है। हाल ही में मोटापे की समस्या पर एक रिपोर्ट आई है, और इस रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक 44 करोड़ से ज्यादा भारतीय मोटापे से ग्रसित होंगे। यह चिंता की बात है, यह कितना बड़ा संकट बन सकता है।
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