रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत द्वारा चलाई गई अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई है
भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक चली सैन्य झड़प के बाद फिलहाल शांति का माहौल है। आपको बता दें कि भारत के सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाकर कुछ ही देर में पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था। इसके बाद पाकिस्तान के अनुरोध पर भारत ने सीजफायर की बात मान ली। अब इस पूरे ऑपरेशन के बाद भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर पहुंचे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंच श्रीनगर

डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर की धरती पर कदम रखा है. आर्मी चीफ ने खुद उन्हें रिसीव किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा करने के साथ ही जवानों से मुलाकात भी करेंगे. उनसे पहले बीएसएफ के डीजी जम्मू-कश्मीर पहुंचकर आलाधिकारियों संग बैठक की.
हमने उनके छाती पर घाव दिए हैं- राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत द्वारा चलाई गई अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई है. पैंतीस-चालीस सालों से भारत सरहद पार से चलाये जा रहे आतंकवाद का सामना कर रहा है. आज भारत ने पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि पहलगाम में आतंकवादी घटना को अंजाम देकर भारत के माथे पर चोट पहुंचाने का काम किया, भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया. उन्होंने भारत के माथे पर वार किया, हमने उनकी छाती पर घाव दिए हैं. पाकिस्तान के ज़ख्मों का इलाज इसी बात में है कि वह भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करे, अपनी ज़मीन का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ न होने दे.
मैं आपके बीच डाकिया बनकर आया हूं- राजनाथ सिंह
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहली बार श्रीनगर पहुंचे हैं. उन्होंने जवानों से मुलाकात करने के बाद कहा कि न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा. यदि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह और उसे समर्थन देना बंद नहीं किया तो यह (ऑपरेशन सिंदूर) चलता रहेगा. उन्होंने शहीद जवानों और पहलगाम के पीड़ितों को श्रद्धांजलि भी दी है.
रक्षा मंत्री ने देखा पाकिस्तानी हथियारों का मलबा
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में गिराए गए गोले का निरीक्षण किया। इसके बाद रक्षा मंत्री ने बादामी बाग छावनी में प्रदर्शित किए गए कुछ मलबे को भी देखा। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर में वर्तमान की पूरी स्थिति की समीक्षा करेंगे। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये उनकी जम्मू-कश्मीर की पहली यात्रा है।
“धर्म की आड़ में हिंसा, कर्म के नाम पर न्याय: भारतीय जवाब का संदेश”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए पहलगाम आतंकी हमले और इसके जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि उन्होंने धर्म देखकर मारा और हमने कर्म देखकर मारा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि ये भी कहा जा सकता है कि पाकिस्तान जहां भी खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू होती है। राजनाथ सिंह ने आगे कहा-
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बादामी बाग छावनी में जवानों के साथ ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं आपकी उस ऊर्जा को महसूस करने आया हूं, जिसने दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर दिया। आपने जिस तरीके से, सीमा के उस पार पाकिस्तान की चौकियों और बंकरों को धवस्त किया, दुश्मन उसे कभी भूल नहीं पायेगा। आमतौर पर लोग जोश में होश खो देते हैं। लेकिन आपने, जोश भी रखा, होश भी रखा और सूझबूझ के साथ दुश्मन के ठिकानों को बर्बाद किया है।”
- राजनाथ सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान के ज़ख्मों का इलाज इसी बात में है कि वह भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करे, अपनी ज़मीन का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ न होने दे।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे ग़ैर ज़िम्मेदाराना तरीक़े से पाकिस्तान द्वारा भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गईं हैं। आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे ग़ैर ज़िम्मेदार और धूर्त राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को IAEA यानि (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) की निगरानी में लिया जाना चाहिए।”
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “रही बात पाकिस्तान की, तो वह देश तो, मांगते-मांगते अपनी जहालत से एक ऐसी हालत में आ गया है, कि उसके बारे में यह भी कहा जा सकता है, कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू होती है। अभी आपने सुना ही होगा, कि कैसे वह फिर एक बार, IMF के पास कर्ज मांगने गया। वहीं, दूसरी तरफ हमारा देश है, कि हम, आज उन देशों की श्रेणी में आते हैं, जो IMF को फंड देते हैं, ताकि IMF गरीब देशों को कर्ज़ दे सकें।”