अब्बास अंसारी को कोर्ट से बड़ा झटका, हेट स्पीच में अंसारी दोषी !

मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी को कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में दोषी करार दिया है।

मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में आज अब्बास अंसारी के हेट स्पीच मामले को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अब्बास अंसारी समेत उसके भाई और मंसूर अंसारी को दोषी करार दिया है। अब्बास अंसारी की सजा के एलान के बाद सियासी गलियारों में भी हलचल तेज हो गयी हैं।

अब्बास अंसारी को दो साल की सजा सुनाई गई है। बता दें कि अब्बास अंसारी, ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी ने हेट स्पीच का प्रयोग किया था, जिसमें उन्हें दोषी करार दिया गया है।

अब्बास अंसारी को कोर्ट से बड़ा झटका, हेट स्पीच में अंसारी दोषी !
अब्बास अंसारी को कोर्ट से बड़ा झटका, हेट स्पीच में अंसारी दोषी !

अब्बास अंसारी ने पहली बार में दर्ज की जीत

बता दें कि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा और सुभासपा ने गठबंधन के तहत एक साथ चुनाव लड़ा था। इस गठबंधन में मऊ सदर विधानसभा सीट से सुभासपा को अपना प्रत्याशी उतारना था। ऐसे में सुभासपा ने अब्बास अंसारी को टिकट दिया। अब्बास अंसारी मऊ सदर सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े और उन्हें जीत भी हासिल हुई। हालांकि अब सुभासपा ने सपा से गठबंधन तोड़ लिया है और वह भाजपा के साथ गठबंधन कर चुकी है। वहीं विधानसभा चुनाव के दौरान ही अब्बास अंसारी ने हेट स्पीच दी थी, जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

2022 के चुनावी भाषण से जुड़ा है मामला :

यह मामला 3 मार्च 2022 का है, जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुर मैदान में आयोजित एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने भड़काऊ भाषण दिया था। उन्होंने कहा था कि “सरकार बनने के बाद वे अधिकारियों को ‘देख लेंगे’।” इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था और चुनाव आयोग की निगरानी में कार्रवाई शुरू हुई।

इसके बाद सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर अब्बास अंसारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ केस :

अब्बास अंसारी पर दर्ज केस में कई गंभीर धाराएं लगाई गई थीं। इनमें आपराधिक धमकी देना, चुनावी अधिकारों का दुरुपयोग, सरकारी काम में बाधा डालना, सरकारी कर्मचारियों को धमकाना, धर्म और जाति के आधार पर वैमनस्य फैलाना और आपराधिक षड्यंत्र रचना शामिल है।

इन धाराओं के तहत चली सुनवाई के बाद मऊ के सीजेएम डॉ. केपी सिंह ने अब्बास अंसारी, उनके भाई मंसूर अंसारी और चाचा को दोषी करार दिया। कोर्ट ने माना कि चुनावी मंच से दिया गया बयान सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने और सरकारी व्यवस्था को चुनौती देने वाला था।

चुनाव प्रचार में क्या बोल गए थे अब्बास अंसारी?

दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार में अब्बास अंसारी ने ऐसा बयान दे दिया जो उनके गले की फांस बन गया। अब्बास अंसारी ने कहा था कि चुनाव के बाद सरकार बनने के बाद अधिकारियों के साथ हिसाब-किताब बराबर कर लिया जाएगा। उनके इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने अब्बास अंसारी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी थी। वहीं केस दर्ज होने के बाद इस मामले में सुनवाई चल रही थी। इस मामले में उन्हें दोषी पाया गया है और सजा का ऐलान भी थोड़ी देर में कर दिया जाएगा।

मामला कब और कैसे शुरू हुआ

यह पूरा मामला 3 मार्च, 2022 का है। उस समय विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान, अब्बास अंसारी ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सरकारी अधिकारियों को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि सरकार बनने के बाद पहले अफसरों से हिसाब लिया जाएगा। इस बयान को उकसाने वाला और भड़काऊ माना गया। इसके बाद सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने मामला दर्ज कराया।

हाई कोर्ट में चुनौती

सजा के ऐलान के बाद अब्बास अंसारी ने तय किया है कि वे मऊ के सीजेएम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से सदर विधायक अब्बास अंसारी का आरोप है कि उनके पक्ष को पूरी तरह सुना नहीं गया। इसलिए अब वह शिकायत लेकर हाई कोर्ट जाएंगे।

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