सांसद बर्क को बड़ी राहत: 1.91 करोड़ के बिजली बिल मामले में हाईकोर्ट का बड़ा आदेश !

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क को बिजली चोरी के मामले में बड़ी राहत दी है. उन पर लगाए गए 1.91 करोड़ रुपये के जुर्माने पर अदालत ने रोक लगा दी है और बिजली कनेक्शन बहाल करने का आदेश दिया है.

संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क को 1.91 करोड़ रुपये के बिजली बिल मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बिजली विभाग की ओर से बकाया बिल को लेकर की गई वसूली की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने बिजली विभाग को आदेश दिया है कि वे बर्क के खिलाफ किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई न करें। साथ ही इस मामले में सांसद बर्क की ओर से दी गई याचिका पर विभाग से जवाब भी मांगा है।

बर्क पर आरोप है कि उन्होंने अपने परिसर में बिजली का उपयोग तो किया लेकिन लंबे समय से बिल का भुगतान नहीं किया। हालांकि, उनकी ओर से दलील दी गई कि यह मामला राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। अब हाईकोर्ट के आदेश से उन्हें बड़ी राहत मिली है और मामले की अगली सुनवाई तक कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा।

सांसद बर्क को बड़ी राहत: 1.91 करोड़ के बिजली बिल मामले में हाईकोर्ट का बड़ा आदेश !
सांसद बर्क को बड़ी राहत: 1.91 करोड़ के बिजली बिल मामले में हाईकोर्ट का बड़ा आदेश !

साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिजली चोरी के मामले में 1.91 करोड़ रुपये के जुर्माने को अवैध बताते हुए, अपील बनाए रखने के लिए 6 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने बिजली निगम को जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है. यह आदेश एक याचिका पर दिया गया है जिसमें सांसद ने बिजली कनेक्शन बहाली की मांग की थी.

बिजली चोरी का हुआ था मामला दर्ज

बिजली चोरी का हुआ था मामला दर्ज
बिजली चोरी का हुआ था मामला दर्ज

दिसंबर 2024 में, बिजली विभाग ने संभल के दीपा सराय इलाके में उनके आवास पर निरीक्षण के बाद सांसद पर 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया, जहां अधिकारियों ने कथित तौर पर बिजली चोरी पाई थी. जियाउर्रहमान बर्क के घर बिजली विभाग की छापेमारी के बाद अब बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया था. बिजली विभाग ने समाजवादी पार्टी सांसद के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज कराया था. इसके साथ ही उनके सहयोगियों पर विभाग के अधिकारियों को भी धमकाने का आरोप लगाया था. इसके बाद बिजली विभाग ने उन पर एक करोड़ 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और उनके घर की बिजली भी काट दी थी.

2 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह व न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ द्वारा सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क की ओर से दायर याचिका पर दिया है। हाईकोर्ट ने पावर कॉरपोरेशन के अधिवक्ता को भी तीन सप्ताह का वक्त देते हुए कहा कि सभी आवश्यक जानकारी हासिल करें। वहीं अगली सुनवाई के लिए 2 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है।

बिजली विभाग के पास नहीं है वैध अधिकार

न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने सांसद की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बिजली विभाग द्वारा 12 साल की अवधि के बिल आकलन का कोई वैध अधिकार नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अधिकतम एक साल की अवधि के बिल आकलन की ही अनुमति है और 1.91 करोड़ रुपये की मांग अनुचित और मनमानी है.

बर्क के अधिवक्ता ने दी है ये दलील

सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क के अधिवक्ता विधान चंद्र राय का कहना था कि याची से चार हजार 138 दिन पुराना असेसमेंट किया गया है। जबकि विभाग को 12 वर्ष पुराना असेसमेंट करने का अधिकार नहीं है। केवल 335 दिन तक का ही असेसमेंट करने का अधिकार है। एक्जीक्यूटिव इंजिनियर ने ऐसे आदेश पारित कर कानूनी त्रुटि की है।

सांसद को मिली राहत

बिजली चोरी के मामले में ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क को बड़ी राहत दे दी है. इसके साथ ही, 6 लाख रुपये जमा करने के बाद उनका कनेक्शन जोड़ने का आदेश भी दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने बिजली विभाग को जबाव दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है.

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