भारत के ओलंपिक और विश्व चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार रात पेरिस डायमंड लीग में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो साल में अपना पहला डायमंड लीग खिताब जीता।
भारत के स्वर्ण वीर और भाला फेंक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे विश्व एथलेटिक्स के असली सितारे हैं। पेरिस डायमंड लीग 2025 में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया और भारत का परचम एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऊंचा कर दिया।
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता और भारतीय भाला फेंक स्टार नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को पेरिस डायमंड लीग में जर्मनी के जूलियन वेबर को पछाड़ते हुए दो वर्षों बाद अपना पहला डायमंड लीग खिताब जीता। इससे पहले पेरिस डायमंड लीग में वे दो बार लगातार दूसरे स्थान पर रहे थे। नीरज चोपड़ा ने अपनी पहली ही कोशिश में शानदार थ्रो करते हुए 88.16 मीटर दूर भाला फेंक कर खिताब अपने नाम किया।

वहीं दूसरी कोशिश में उन्होंने 85.10 मीटर रही। इसके बाद अगले तीन थ्रो फाउल किए। वहीं, आखिरी प्रयास में नीरज ने 82.89 मीटर की दूरी तय की। यह पेरिस डायमंड लीग में चोपड़ा की पहली जीत है। उन्होंने 2017 में बतौर जूनियर वर्ल्ड चैंपियन यहां हिस्सा लिया था और तब वे पांचवें स्थान पर रहे थे।
जूलियन वेबर ने भी अपनी पहली कोशिश में शानदार 87.88 मीटर भाला फेंका, लेकिन वे दूसरे स्थान पर रहे। ब्राज़ील के लुइज़ मौरिसियो दा सिल्वा तीसरे स्थान पर रहे, जिनकी सर्वश्रेष्ठ कोशिश तीसरे राउंड में 86.62 मीटर रही।
प्रतियोगिता का रोमांच
पेरिस में हुए इस प्रतिष्ठित मुकाबले में नीरज ने पहले प्रयास से ही विरोधियों को सावधान कर दिया। उन्होंने 88.45 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर न केवल बढ़त बनाई, बल्कि अपने ही रिकॉर्ड के करीब पहुंच गए। उनकी यह दूरी पूरे इवेंट की सर्वश्रेष्ठ थ्रो साबित हुई।
प्रतियोगिता में विश्व के शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ियों ने भाग लिया, लेकिन नीरज की निरंतरता और संतुलन ने उन्हें सबसे अलग साबित किया। उनका हर थ्रो आत्मविश्वास और नियंत्रण का उदाहरण था। दर्शकों ने उनके हर प्रयास पर तालियों की गूंज से स्टेडियम को भर दिया।
भारत के लिए गौरव का क्षण
नीरज की इस जीत के साथ भारत ने एक बार फिर डायमंड लीग जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में झंडा गाड़ा है। यह सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि देश के एथलेटिक्स इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय है।
नीरज ने जीत के बाद तिरंगे को लहराते हुए कहा:
“हर बार जब मैं मैदान में उतरता हूं, तो मेरे साथ पूरा भारत होता है। यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, देश के हर उस युवा की है जो सपने देखता है।”
कोच और फेडरेशन की प्रतिक्रिया
नीरज के कोच ने उनके प्रदर्शन पर कहा कि यह सिर्फ उनके तकनीक या ताकत का कमाल नहीं, बल्कि उनकी मानसिक दृढ़ता का भी नतीजा है।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने भी इस जीत पर खुशी जताते हुए कहा कि नीरज ने युवाओं के लिए एक मजबूत प्रेरणा का काम किया है।
ओलंपिक से पहले बढ़ा आत्मविश्वास
यह जीत ऐसे समय में आई है जब नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक 2025 की तैयारियों में जुटे हुए हैं। डायमंड लीग जैसे बड़े टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतना न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा, बल्कि भारत को ओलंपिक में एक और पदक की उम्मीद देने का काम करेगा।
निष्कर्ष
नीरज चोपड़ा की यह जीत सिर्फ एक खेल समाचार नहीं, बल्कि “कड़ी मेहनत, धैर्य और देशभक्ति” का प्रतीक बन गई है।
पेरिस की भूमि पर उनका भाला एक बार फिर गूंज उठा और बता दिया कि जब जुनून और जज़्बा साथ हो, तो कोई भी मंच छोटा नहीं होता।
नीरज का भाला सिर्फ मैदान में नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के दिलों में भी गूंजता है।
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