राकेश टिकैत ने किया बिहार में SIR का समर्थन !

भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बिहार में SIR का समर्थन किया है। उन्होंने ये भी बताया है कि किसानों के लिए नंबर 1 मुख्यमंत्री कौन है।

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे राकेश टिकैत ने बिहार में एक अहम राजनीतिक संकेत देते हुए SIR (Samman, Izzat, Rozgar) अभियान का समर्थन किया है। इसके साथ ही उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री को किसानों के लिए देश का नंबर 1 मुख्यमंत्री बताया है। टिकैत के इस बयान से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है और आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह सियासी समीकरणों को नया मोड़ दे सकता है।

राकेश टिकैत ने किया बिहार में SIR का समर्थन !
राकेश टिकैत ने किया बिहार में SIR का समर्थन !

क्या है SIR अभियान?

SIR यानी सम्मान, इज्जत और रोजगार – यह एक सामाजिक-राजनीतिक अभियान है जो किसानों, मजदूरों और ग्रामीण युवाओं के अधिकारों, सम्मान और आजीविका की सुरक्षा की मांग करता है। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को बाजार में फसल का उचित मूल्य दिलाना, खेती-किसानी के लिए आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराना और गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है। यह अभियान खास तौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में सक्रिय है।

राकेश टिकैत का बयान

राकेश टिकैत का बयान
राकेश टिकैत का बयान

राकेश टिकैत हाल ही में बिहार के पटना जिले के मसौढ़ी में एक किसान महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा:

देश में किसान आज भी हाशिए पर हैं। सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन किसानों की हालत नहीं बदलती। ऐसे में हमें ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो जमीन से जुड़ा हो, किसानों के दर्द को समझता हो। बिहार में जो मुख्यमंत्री हैं, उन्होंने जो योजनाएं किसानों के लिए लागू की हैं, वे सराहनीय हैं। वह आज देश में किसानों के लिए नंबर 1 मुख्यमंत्री हैं।

टिकैत ने आगे कहा कि वह SIR आंदोलन का समर्थन करते हैं और इसके उद्देश्य पूरी तरह से किसान हितैषी हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे खेती और गांव से जुड़े मुद्दों पर ध्यान दें और वोट डालते समय उन दलों का चयन करें जो इन मुद्दों को प्राथमिकता दें।

किस नेता की तारीफ की?

हालांकि राकेश टिकैत ने अपने भाषण में सीधे तौर पर किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन सूत्रों के अनुसार उनका इशारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर था। नीतीश सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई किसान हितैषी योजनाएं चलाई हैं, जैसे:

  • मुख्यमंत्री कृषि इनपुट अनुदान योजना
  • कृषि यांत्रिकीकरण योजना
  • जीविका समूह के माध्यम से महिला किसान सशक्तिकरण
  • सोलर पंप योजना
  • कृषि रोड मैप – 2022-2027

इन योजनाओं से न केवल खेती में लागत कम हुई है, बल्कि उत्पादकता भी बढ़ी है। ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।

राजनीतिक असर

राकेश टिकैत का समर्थन ऐसे समय आया है जब बिहार में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रही हैं और सभी पार्टियां आगामी चुनावों की तैयारियों में जुट गई हैं। टिकैत का प्रभाव खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में किसानों के बीच काफी है। उनके समर्थन से SIR अभियान को नया बल मिल सकता है और इससे संबंधित दलों या गठबंधनों को भी लाभ मिल सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि राकेश टिकैत जैसे गैर-राजनीतिक लेकिन प्रभावशाली व्यक्ति का बयान बिहार की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है, खासकर यदि वे किसी राजनीतिक दल या गठबंधन के साथ खुलकर खड़े होते हैं।

निष्कर्ष

राकेश टिकैत का SIR अभियान के समर्थन और मुख्यमंत्री को किसानों के लिए नंबर 1 बताना केवल एक सामाजिक बयान नहीं, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक संकेत भी है। यह बयान बिहार की राजनीतिक फिजा में नई सरगर्मी ला सकता है, खासकर तब जब किसान मुद्दे राष्ट्रीय स्तर पर फिर से चर्चा में हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि टिकैत का यह समर्थन किसे कितना फायदा पहुंचाता है और बिहार की सियासत में यह किस तरह का बदलाव लाता है।

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