पीएम मोदी हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर की यात्रा कर सकते हैं। वह मिजोरम में भी कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं। उनकी इस यात्रा की संभावित तारीख सामने आ गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही पूर्वोत्तर भारत का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान उनका कार्यक्रम मणिपुर और मिजोरम दोनों राज्यों का है। सूत्रों के अनुसार, इस दौरे की संभावित तारीख सामने आ गई है और तैयारियां तेज कर दी गई हैं। पीएम मोदी का यह दौरा कई मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि मणिपुर लंबे समय से हिंसा और सामुदायिक तनाव से जूझ रहा है, जबकि मिजोरम में भी विकास योजनाओं को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर नजरें टिकी हुई हैं।

मणिपुर का महत्व और हालात
मणिपुर पिछले कई वर्षों से लगातार अशांति और हिंसा की चपेट में है। खासकर 2023 से शुरू हुई सामुदायिक हिंसा ने राज्य को गहरे संकट में डाल दिया। दो समुदायों के बीच चल रहे विवाद ने न केवल स्थानीय जनता का जीवन प्रभावित किया, बल्कि राज्य की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को भी कमजोर कर दिया। विपक्ष लगातार यह मांग करता रहा है कि प्रधानमंत्री स्वयं मणिपुर का दौरा कर वहां की स्थिति का जायजा लें और स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाएं।

विपक्ष की लगातार मांग
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल बार-बार यह सवाल उठाते रहे हैं कि आखिर प्रधानमंत्री इतने लंबे समय से मणिपुर क्यों नहीं गए। संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष ने यह मुद्दा उठाया। अब जब पीएम मोदी के मणिपुर दौरे की संभावित तारीख सामने आई है, तो इसे विपक्ष के दबाव और जनता की उम्मीदों से जोड़कर देखा जा रहा है।
संभावित तारीख और कार्यक्रम
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा सितंबर के दूसरे सप्ताह में हो सकता है। इस दौरान वे न केवल राज्य की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे, बल्कि विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके साथ ही राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित लोगों से भी बातचीत की संभावना जताई जा रही है।
मणिपुर दौरे के बाद पीएम मोदी मिजोरम भी जाएंगे, जहां वे कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर सकते हैं। मिजोरम में विशेष रूप से सड़क, कनेक्टिविटी और ऊर्जा क्षेत्र की परियोजनाओं को लेकर केंद्र सरकार की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित रहेगा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। मणिपुर की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी। स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि प्रधानमंत्री का दौरा शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।
जनता की उम्मीदें
मणिपुर के लोग प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। वहां के नागरिक मानते हैं कि अगर प्रधानमंत्री स्वयं मौके पर जाकर स्थिति का आकलन करेंगे तो हालात में सकारात्मक बदलाव आएगा। लोगों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस दौरे के बाद शांति बहाल करने और पुनर्वास योजनाओं पर तेज़ी से काम करेगी।
मिजोरम में विकास पर फोकस
जहां मणिपुर दौरे को राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है, वहीं मिजोरम दौरा पूरी तरह से विकास कार्यों पर केंद्रित होगा। पीएम मोदी मिजोरम में कई नई परियोजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। इनमें सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़े कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं।
राजनीतिक मायने
पूर्वोत्तर भारत में बीजेपी लगातार अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। मणिपुर और मिजोरम दोनों ही राजनीतिक दृष्टि से अहम राज्य हैं। मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री का दौरा बीजेपी की संवेदनशीलता और गंभीरता को दर्शाएगा, वहीं मिजोरम का दौरा विकास और जनकल्याण की योजनाओं को आगे बढ़ाने का संदेश देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति से भी जुड़ा हुआ है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावित मणिपुर और मिजोरम दौरा पूर्वोत्तर भारत के लिए एक बड़ा संदेश होगा। मणिपुर में लंबे समय से हिंसा और तनाव झेल रहे लोगों को जहां इससे राहत और भरोसा मिलेगा, वहीं मिजोरम में विकास कार्यों को गति मिलेगी। संभावित तारीख सामने आने के बाद अब सभी की निगाहें इस दौरे पर टिकी हैं, जो न केवल राजनीतिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी बेहद अहम साबित हो सकता है।
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