मायावती का बंगला नहीं मिला केजरीवाल को, शशि थरूर होंगे नए पड़ोसी

करीब एक साल तक बिना सरकारी आवास के रहने के बाद दिल्ली के पूर्व सीएम और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल को आखिरकार नया बंगला मिल गया है। उन्हें टाइप-VII श्रेणी का बंगला अलॉट किया गया है।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री आवास छोड़ने के लगभग एक साल बाद नई सरकारी आवास सुविधा मिल गई है। यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद आया, जिसमें केजरीवाल ने एक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उपयुक्त आवास की मांग की थी।

मायावती का बंगला नहीं मिला केजरीवाल को, शशि थरूर होंगे नए पड़ोसी
मायावती का बंगला नहीं मिला केजरीवाल को, शशि थरूर होंगे नए पड़ोसी

नई आवास सुविधा का ऐलान

सूत्रों के अनुसार, दिल्ली सरकार ने केजरीवाल को उनका नया सरकारी आवास अलॉट कर दिया है। इस आवास को पहले मुख्यमंत्री आवास के निकट या शहर के प्रमुख क्षेत्रों में से किसी एक में निर्धारित किया गया है। हालांकि, अभी तक बंगले का सही पता सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह राजनीतिक महत्व और सुरक्षा दृष्टिकोण से उपयुक्त स्थान पर होगा।

हाईकोर्ट में की गई थी अपील

हाईकोर्ट में की गई थी अपील
हाईकोर्ट में की गई थी अपील

अरविंद केजरीवाल ने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में यह तर्क दिया था कि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के अध्यक्ष होने के नाते उन्हें उपयुक्त सरकारी आवास मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सुविधा का उद्देश्य सिर्फ जीवन सुविधा प्रदान करना नहीं, बल्कि उनके राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक कर्तव्यों और सुरक्षा की दृष्टि से भी जरूरी है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका पर विचार करते हुए केजरीवाल के राष्ट्रीय नेतृत्व और पार्टी के दायरे में उनके कामकाज को ध्यान में रखा। अदालत ने निर्देश दिया कि उचित सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर केजरीवाल को आवास उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद प्रशासन ने नए बंगले का अलॉटमेंट किया।

मुख्यमंत्री आवास से हटने के बाद की स्थिति

केजरीवाल ने पिछले साल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी सरकारी आवास सुविधा छोड़ दी थी। इस अवधि में वे आम जनता और पार्टी कार्यों में सक्रिय रहते हुए पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व का कार्य संभालते रहे। हालांकि, इस दौरान उन्हें राजनीतिक और प्रशासनिक दायरों में आवासीय सुविधा की कमी का सामना करना पड़ा।

केजरीवाल के करीबी सूत्रों ने बताया कि नई आवास सुविधा मिलने के बाद वे अब सुरक्षा, निजी कामकाज और पार्टी बैठकों के संचालन के लिए बेहतर रूप से सक्षम होंगे। साथ ही, यह आवास उनके लिए राजनीतिक गतिविधियों और पार्टी संचालन का केंद्र भी बन सकता है।

पड़ोसी बनेंगे शशि थरूर

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब यह भी तय हो गया है कि केजरीवाल का नया बंगला कांग्रेस नेता शशि थरूर के पड़ोस में स्थित होगा। यह राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। कई विशेषज्ञ इसे राजनीतिक नेतृत्व और नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से एक संतुलित कदम बता रहे हैं।

राजनीतिक महत्व और सुरक्षा

सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार का आवास केवल सुविधा के लिए नहीं दिया जाता, बल्कि राष्ट्रीय राजनीतिक नेतृत्व के कर्तव्यों और सुरक्षा के मद्देनजर भी इसे जरूरी माना जाता है। केजरीवाल का नया बंगला हाई सिक्योरिटी क्षेत्र में स्थित होगा और इसमें सुरक्षा इंतजाम, प्रवेश नियंत्रण और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

इसके अलावा, यह कदम दिल्ली प्रशासन की राष्ट्रीय राजनीतिक नेताओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की नीति के अनुरूप है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल केजरीवाल के लिए ही नहीं, बल्कि भविष्य में अन्य राष्ट्रीय राजनीतिक नेताओं के लिए भी एक मानक स्थापित करेगा

निष्कर्ष

अरविंद केजरीवाल को नया सरकारी बंगला मिलने के बाद दिल्ली की राजनीतिक हलकों में हल्की राहत का माहौल है। यह कदम उनके राष्ट्रीय नेतृत्व और पार्टी संचालन की जिम्मेदारियों को आसान बनाने के साथ-साथ उनके सुरक्षा और जीवन सुविधा को भी सुनिश्चित करता है।

हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद यह निर्णय न केवल सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह दिल्ली की राजनीति में नेताओं की राजनीतिक प्रतिष्ठा और अधिकारों को भी उजागर करता है। अब केजरीवाल अपने नए आवास से पार्टी संचालन और राष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों को और बेहतर ढंग से संभाल सकेंगे।

इस तरह, अरविंद केजरीवाल का नया सरकारी बंगला उनके राजनीतिक करियर और प्रशासनिक जिम्मेदारियों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला कदम साबित होगा।

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