राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश के तहत अंग्रेजी को संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक भाषा घोषित किया है, जिससे देश में एकता और साझा संवाद को बढ़ावा मिलेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अंग्रेजी को संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक भाषा घोषित किया है. यह कदम देश में आप्रवासन और बहुभाषी समाज के बीच एकजुटता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है. ट्रंप के इस निर्णय के पीछे की मुख्य वजह है कि एक साझा भाषा समाज को मजबूत और एकजुट बनाती है , व्हाइट हाउस ने ट्रंप का एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि अंग्रेजी को देश की आधिकारिक भाषा नामित करना “बहुत समय पहले” हो जाना चाहिए था. इस आदेश में उल्लेख है कि एक राष्ट्रीय भाषा एक एकजुट समाज का आधार है, और अमेरिकी नागरिकों के लिए एक साझा भाषा में संवाद करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह आदेश 1990 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की ओर से लागू एक नीति को रद्द करता है, जिसमें संघीय एजेंसियों को गैर-अंग्रेजी बोलने वालों के लिए सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया था

अमेरिका में इससे पहले क्या थी स्थिति?
संयुक्त राज्य अमेरिका में अब तक कोई आधिकारिक भाषा नहीं थी. अंग्रेजी देश में सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा रही है, लेकिन यह कभी भी संघीय स्तर पर आधिकारिक रूप से घोषित नहीं की गई थी. 2019 के अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, देश में 330 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं, जिनमें से लगभग 78% लोग घर पर केवल अंग्रेजी बोलते हैं. इसके बावजूद, स्पेनिश, चीनी, टैगलॉग और कई मूल अमेरिकी भाषाएं भी व्यापक तौर पर बोली जाती रही है.
अमेरिकी समाज और भाषा की जड़ें
ट्रंप का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब वे देश पर अपनी दक्षिणपंथी नीतियों का असर डालने के प्रयास में हैं. हालांकि, इस प्रकार के कई आदेशों को अदालत में चुनौती दी जा रही है, विशेषकर जब ये संघीय वित्त पोषण से संबंधित हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका में 350 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन आदेश में यह भी कहा गया है कि अंग्रेजी “हमारे गणराज्य की स्थापना से” देश की मुख्य भाषा रही है. अमेरिका के ऐतिहासिक शासकीय दस्तावेज़, जैसे स्वतंत्रता की घोषणा और संविधान, सभी अंग्रेजी में लिखे गए थे.