लखनऊ। महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर घमासान मचा हुआ है।इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मायावती का इस मुद्दे पर बयान सामने आया है। मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र या मजार आदि को क्षति पहुंचाना व तोड़ना ठीक नहीं, क्योंकि इससे वहां आपसी भाईचारा, शान्ति व सौहार्द आदि बिगड़ रहा है। सरकार ऐसे मामलों में खासकर नागपुर के अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे वरना हालात काफी बिगड़ सकते हैं , जो ठीक नहीं।’
क्या है पूरा मामला ?
हाल ही में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल जैसे संगठनों ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की धमकी दी, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया। इस स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने समाधि स्थल और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
विहिप द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंपे गए ज्ञापन में औरंगजेब के विवादास्पद इतिहास, खासकर मराठों के साथ हुए संघर्षों का उल्लेख करते हुए इसकी कब्र को ‘दर्द और गुलामी’ का प्रतीक बताकर हटाने की मांग की गई। ज्ञापन के बाद, पुलिस ने खुल्दाबाद शहर के प्रवेश द्वार से लेकर समाधि स्थल तक कई सुरक्षा चौकियां स्थापित कर दीं।

महाराष्ट्र के नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा
महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब को लेकर हंगामा हो रहा है। यहां दो पक्षों के लोग भिड़ गए, जिसमें जमकर पथराव हुआ और कई वाहनों में आग भी लगा दी गई। आरोप है कि हरे रंग की चादर जलाई गई थी। इसके बाद हिंसा भड़क गई। घटना नागपुर के महाल इलाके की है। यहां हालात को काबू करने के लिए पहुंचे कई पुलिसकर्मी भी हिंसा में घायल हुए हैं। पुलिस ने 40-50 लोगों को हिरासत में लिया है। इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से संयम बरतने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। पुलिस ने भी लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने के लिए कहा है।

कैसे उठा औरंगजेब की कब्र हटाने का मामला
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के बयान से इस मामले ने तूल पकड़ा।अबू आजमी ने औरंगजेब को अच्छा राजा बताया था। हालांकि बाद में प्रेशर बढ़ने पर अबू आजमी ने अपना बयान वापस ले लिया। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब का मकबरा हटा दिया जाना चाहिए। इस काम को कानून के दायरे में करना चाहिए। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने औरंगजेब के मकबरे को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को सौंप दिया था।

महाराष्ट्र के नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा और सतारा से बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले ने भी औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग की थी। इसके बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद भी इस मामले में कूद पड़ा और उसने कह दिया कि अगर ये कब्र नहीं हटाई गई तो वह प्रदर्शन करेंगे।