इस बैठक में विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के आवास पर हुई यह बैठक लगभग छह घंटे तक चली।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक में सीट बंटवारे को लेकर मंथन का दौर अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता नजर आ रहा है। इसी क्रम में रविवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पटना स्थित सरकारी आवास पर इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेताओं की एक अहम बैठक हुई, जो करीब 6 घंटे तक चली।

इस बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, वाम दलों सहित गठबंधन के अन्य घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। चर्चा का केंद्र बिंदु सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला, पिछली बार के प्रदर्शन का मूल्यांकन और आगामी रणनीति को लेकर तालमेल बैठाना रहा।
सीट बंटवारे पर आम सहमति की कोशिश
बैठक के दौरान हर दल ने अपने-अपने राजनीतिक प्रभाव वाले क्षेत्रों में ज्यादा सीटों की मांग रखी। खासकर राजद और कांग्रेस के बीच कुछ सीटों को लेकर सहमति बनाने की कोशिश हुई, क्योंकि पिछली बार कुछ क्षेत्रों में दोनों दलों ने एक-दूसरे के विरोध में प्रत्याशी उतारे थे जिससे नुकसान हुआ था। तेजस्वी यादव ने बैठक में स्पष्ट कहा कि “हमारी प्राथमिकता भाजपा को हराने की है, न कि सीटों को लेकर झगड़ने की।”
कांग्रेस ने मांगी सम्मानजनक हिस्सेदारी
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने बैठक में 2020 के विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर कम से कम 50 सीटों की मांग रखी है। हालांकि राजद का रुख अभी तक स्पष्ट नहीं है लेकिन वह अपने कोर वोटबैंक वाले क्षेत्रों पर कोई समझौता करने के मूड में नहीं दिख रही।
वाम दलों की भी उपस्थिति
सीपीआई, सीपीएम और भाकपा (माले) जैसी वामपंथी पार्टियों ने भी अपनी-अपनी दावेदारी रखते हुए कहा कि ग्राउंड लेवल पर उनकी पकड़ अच्छी है और भाजपा के खिलाफ आक्रामक कैंपेन में वे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। खासकर भाकपा (माले) ने पिछली बार के प्रदर्शन का हवाला देते हुए अधिक सीटों की मांग की है।
रणनीति में एकजुटता पर जोर
बैठक के बाद राजद नेता और प्रवक्ता ने कहा, “यह बैठक बेहद सकारात्मक रही और सभी दलों ने मिलकर यह तय किया कि बिहार में भाजपा और NDA को हराने के लिए हमें एकजुट होकर लड़ना होगा। सीट बंटवारे पर जल्द ही अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।”
भाजपा की नजर भी बैठक पर
इधर, एनडीए खेमे में भी इस बैठक पर नजर रखी जा रही है। भाजपा नेताओं ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि “जिनके पास न चेहरा है, न नीति, वो सीटों पर झगड़ रहे हैं। जनता उन्हें जवाब देगी।”
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, बिहार में चुनावी बिसात बिछ चुकी है और इंडिया ब्लॉक ने सीट बंटवारे की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि अभी अंतिम समझौते तक पहुंचने में वक्त लग सकता है, लेकिन इस बात में कोई शक नहीं कि विपक्षी एकता के लिए यह बैठक एक अहम कदम साबित हो सकती है। आने वाले दिनों में और भी दौर की बैठकें हो सकती हैं, जिसमें फॉर्मूला को अंतिम रूप देने की कोशिश होगी।
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