कारगिल विजय दिवस के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना के सर्वोच्च बलिदान को याद किया है। उन्होंने कहा कि आगे आने वाली पीढ़ियों को वीर सैनिकों का बलिदान प्रेरित करता रहेगा।
देश भर में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस बड़े सम्मान और गर्व के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को नमन करते हुए देशवासियों को संबोधित किया। दोनों नेताओं ने भारतीय सेना की वीरता, बलिदान और अदम्य साहस को याद करते हुए देश की सुरक्षा में उनके योगदान को प्रणाम किया।

राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश: “कारगिल के वीर सपूत अमर रहेंगे”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि भारतीय सैनिकों ने अद्भुत साहस और राष्ट्रभक्ति का परिचय देते हुए दुर्गम पहाड़ों पर दुश्मनों को पीछे खदेड़ा और देश की सीमाओं की रक्षा की। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, और वीर शहीदों की गाथाएं सदा देशवासियों के दिलों में जीवित रहेंगी।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि हमें अपने सैनिकों के बलिदान को केवल याद करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर देश की सेवा में तत्पर रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश: “कारगिल की विजय देश की शक्ति का प्रतीक”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की और वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने संदेश में लिखा,
“कारगिल विजय दिवस पर हम उन वीरों को नमन करते हैं जिन्होंने भारत की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उनका साहस, पराक्रम और राष्ट्र के प्रति समर्पण हर भारतीय को प्रेरणा देता है।”
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक वीडियो संदेश भी साझा किया, जिसमें उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान सेना द्वारा दिखाई गई रणनीति, संकल्प और अदम्य साहस का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि देश की सेना आज भी उसी जोश और समर्पण के साथ सीमाओं की रक्षा कर रही है।
गृह मंत्री ने ऑपरेशन विजय को किया याद
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा कि कारगिल विजय दिवस देश के वीर जवानों के गौरव और विजयगाथा का अविस्मरणीय दिन है. वर्ष 1999 में हमारे जवानों ने ‘ऑपरेशन विजय’ से दुश्मनों को घुटनों पर लाकर, अदम्य साहस व पराक्रम की अमिट मिसाल पेश की. कारगिल विजय दिवस के अवसर पर उन सभी शूरवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. यह राष्ट्र आपके त्याग व बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा.
देशभर में आयोजित हुए कार्यक्रम
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर दिल्ली से लेकर द्रास तक पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। लद्दाख के द्रास सेक्टर स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल पर सेनाध्यक्ष, पूर्व सैनिकों और शहीद परिवारों की मौजूदगी में विशेष श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। जवानों ने पारंपरिक सैन्य सम्मान के साथ शहीदों को सलामी दी और राष्ट्रगान के साथ उन्हें नमन किया गया।
विद्यालयों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में भी देशभक्ति गीतों, निबंध प्रतियोगिताओं और पोस्टर प्रदर्शनों के माध्यम से लोगों ने वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया पर भी #KargilVijayDiwas ट्रेंड करता रहा और लाखों लोगों ने अपने संदेश साझा किए।
शहीदों के परिवारों को सम्मान
कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों के परिजनों को विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मानित किया गया। रक्षा मंत्रालय और राज्य सरकारों की ओर से विशेष सम्मान समारोहों का आयोजन किया गया जहां शहीदों की वीरांगनाओं और परिजनों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
निष्कर्ष
कारगिल विजय दिवस न केवल हमारे सैनिकों के शौर्य और बलिदान की गाथा है, बल्कि यह देशवासियों को एकता, साहस और देशभक्ति का संदेश देता है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के संदेशों ने न सिर्फ शहीदों के परिवारों का हौसला बढ़ाया, बल्कि देश की नई पीढ़ी को प्रेरित भी किया। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि देश की रक्षा में हर बलिदान अमूल्य है, और हमें सदैव अपने वीर जवानों पर गर्व रहेगा।
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