Air Force Day पर खास: कितना शक्तिशाली बनेगा IAF का भविष्य, जानें नया डोम सिस्टम !

भारतीय वायुसेना भविष्य में और भी ताकतवर होने जा रही है, इसके लिए कई योजनाएं हैं। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ वर्षो में भारत लड़ाकू विमानों के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा।

हर साल 8 अक्टूबर को भारत में वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day) मनाया जाता है। यह दिन भारतीय वायुसेना की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिसकी नींव 8 अक्टूबर 1932 को रखी गई थी। उस समय भारतीय वायुसेना में मात्र छह अधिकारियों और चार वेस्टलैंड वॉपर विमान थे, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे ताकतवर वायु सेनाओं में से एक बन चुकी है। इस वर्ष का वायुसेना दिवस इसलिए भी खास है क्योंकि मई 2025 में हुए “ऑपरेशन सिंदूर” ने पूरी दुनिया को भारतीय वायुसेना की शक्ति और सटीकता का परिचय कराया।

Air Force Day पर खास: कितना शक्तिशाली बनेगा IAF का भविष्य, जानें नया डोम सिस्टम !
Air Force Day पर खास: कितना शक्तिशाली बनेगा IAF का भविष्य, जानें नया डोम सिस्टम !

ऑपरेशन सिंदूर: आसमान से आया प्रहार

मई 2025 में भारतीय सेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया था, जिसने पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को हिला कर रख दिया। यह सीमित कार्रवाई थी, लेकिन इसके प्रभाव इतने व्यापक थे कि पाकिस्तान को समझ आ गया कि भारत की सैन्य रणनीति अब पहले जैसी नहीं रही।
सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन उस समय शुरू किया गया जब पाकिस्तान ने सीमा के पास घुसपैठ और ड्रोन गतिविधियों को बढ़ा दिया था। इसके जवाब में भारतीय वायुसेना ने सटीक टारगेटिंग के साथ दुश्मन के लॉन्चपैड्स और हथियार ठिकानों पर ध्वस्त करने वाले हमले किए।

ऑपरेशन सिंदूर: आसमान से आया प्रहार
ऑपरेशन सिंदूर: आसमान से आया प्रहार

रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन में राफेल, सुखोई-30MKI, और तेजस जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों के साथ-साथ प्रिसिजन गाइडेड मिसाइलों का प्रयोग किया। इस तेज़ और योजनाबद्ध हमले ने पाकिस्तान को हैरान कर दिया। थल सेना के साथ तालमेल ने इस ऑपरेशन को और प्रभावी बना दिया, और कुछ ही घंटों में दुश्मन के कई अहम ठिकाने ध्वस्त हो गए।

पाकिस्तान ने मांगी युद्धविराम की गुहार

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पाकिस्तान ने भारत के डीजीएमओ (Director General of Military Operations) से संपर्क कर युद्धविराम की मांग की। पाकिस्तान की स्थिति इतनी कमजोर हो गई थी कि उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मदद की गुहार लगाई। लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद और घुसपैठ नहीं रुकती, तब तक सख्त रुख जारी रहेगा। इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब “न्यू इंडिया” की रक्षा नीति के तहत किसी भी उकसावे का जवाब तुरंत और सटीक तरीके से देने में सक्षम है।

बदलता युद्ध का स्वरूप

इस पूरे अभियान ने एक और बात साबित की — अब युद्ध का स्वरूप बदल चुका है। पहले जहां परंपरागत लड़ाइयों में जमीनी मोर्चे पर टैंक और सैनिक निर्णायक भूमिका निभाते थे, वहीं अब हवाई शक्ति, ड्रोन टेक्नोलॉजी, सैटेलाइट सर्विलांस और साइबर वॉरफेयर युद्ध की दिशा तय करते हैं। भारतीय वायुसेना ने इस बदलाव को समय रहते पहचान लिया है और अपने ढांचे को उसी के अनुसार विकसित किया है।

आज भारतीय वायुसेना के पास सिर्फ ताकतवर विमान ही नहीं, बल्कि अत्याधुनिक रडार सिस्टम, इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस नेटवर्क, और डोम सिस्टम जैसे उपकरण भी हैं जो देश को किसी भी हवाई खतरे से बचाने में सक्षम हैं। यह डोम सिस्टम भारत की सीमा पर आने वाले किसी भी मिसाइल या दुश्मन ड्रोन को सेकंडों में नष्ट कर सकता है।

भविष्य की दिशा – आत्मनिर्भर आसमान

भविष्य की दिशा – आत्मनिर्भर आसमान
भविष्य की दिशा – आत्मनिर्भर आसमान

वायुसेना दिवस के अवसर पर भारतीय वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारत अब “आत्मनिर्भर आसमान” की दिशा में आगे बढ़ रहा है। स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस MK-2, ड्रोन सिस्टम, और एयर डिफेंस मिसाइलों पर तेजी से काम किया जा रहा है। साथ ही, एआई (Artificial Intelligence) आधारित सिस्टम को भी वायुसेना के संचालन में शामिल किया जा रहा है।

भारतीय वायुसेना न केवल युद्ध की स्थिति में तैयार है, बल्कि मानवीय सहायता, आपदा राहत, और बचाव अभियानों में भी उसकी भूमिका लगातार बढ़ी है। हाल ही में मणिपुर और सिक्किम में आई प्राकृतिक आपदाओं के दौरान IAF ने हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला और राहत सामग्री पहुंचाई।

निष्कर्ष

1932 से लेकर 2025 तक का सफर भारतीय वायुसेना के गौरव, साहस और तकनीकी विकास की कहानी है। ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया कि भारतीय वायुसेना अब किसी भी दुश्मन को उसके घर में घुसकर जवाब देने में सक्षम है। इस वायुसेना दिवस पर देश एक बार फिर उन वीर जवानों को सलाम करता है जिनकी बदौलत भारत का आसमान हर समय सुरक्षित है।

“नभः स्पृशं दीप्तम्” – आकाश को स्पर्श करने की प्रेरणा देने वाला यह मंत्र अब भारत की सामरिक शक्ति का प्रतीक बन चुका है।

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